Leaves आज बात करेंगे सभी औषधी गुणों से भरपूर पत्तियों के बारे मे जो आसानी से कही भी मिल जाते है, आयुर्वेद मे तो पहलेसे ही इन पत्तियों के गुणों को वर्णित कर रखा है, लेकिन अब मॉडर्न साइंस भी इनके गुणों को मान कर अपने प्रैक्टिस मे शामिल कर चुकीं हैं। इसमें से एक पौधा बालों के लिए, एक पौधा सर्दी, जुखाम के लिए, एक पौधा इम्युनिटी के लिए और मल्टीविटामिन के लिए हैं.
कडी पत्ता ( curry leaves)
ये पत्ते ज्यादतर खाने में स्वाद लाने का काम करते हैं, कडी पत्ते का तड़का देने से सब्ज़ी में एक खास महेक आती जिससे खाना और भी स्वादिष्ट होता है। लेकिन इसके अलावा ये बालों के लिए और स्किन को चमकदार बनाने के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। बालों को सुंदर, घना और सफ़ेद होने से रोकने के लिए curry leaves का खास महत्व है। Curry leaves के रेगूलर सेवन से ये बॉडी के गर्मी को बाहर निकालता है, कोलेस्ट्रोल और ट्राई ग्लिसराइड के लेवल को कंट्रोल में रखता है और कैंसर सेल्स को भी मार देता है। Curry leaves का सेवन सुबह खाली पेट कर सकते हैं, रोटी मे curry leaves का इस्तेमाल कर सकते हैं या curry leaves की चटनी बडी आसानी से बन जाती है। इसके अलावा curry leaves के पराठे भी बनाके खा सकते हैं.
तुलसी पत्ते ( basil leaves )
तुलसी के गुणों को तो आयुर्वेद मे भी वर्णित है, तुलसी का पौधा एक एंटी ऑक्सीडेंट का पावरफुल खजाना है। इस पौधे के लगभग 4 से 5 मीटर तक एरिया पूरी तरह से शुद्ध होता है और यह इतना शुद्ध होता है कि ये कितना भी घना क्यो ना हो इसके नीचे कोई जहरीले जीव जंतु नही रहते। पहले के समय तो घर में कोई पौधा हो ना हो तुलसी का पौधा जरूर होता था क्यू कि तुलसी के औषधी गुण बाकी पौधों के मुकाबले ज्यादा है। आयुर्वेदा में तो तुलसी को हर्ब फॉर ऑल का दर्जा प्राप्त है. पहले के समय तो तबियत खराब होने पर Tulsi leaves का काढ़ा ही दिया जाता था, साथ ही डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए और इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए भी Tulsi leaves का खास महत्व है। Tulsi leaves pancreas मे मौजूद Beta cells को मजबूत बनाती है और इन्सुलिन लेवल को बढ़ाती हैं। तुलसी के पत्ते का एक तो काढ़ा बनाकर पी सकते हैं या फिर एक तांबे के जग मे कुछ पत्ते को डालकर पानी मे तुलसी के औषधी गुण उतर जाते हैं, जिससे पानी भी पुरी तरह से शुद्ध हो जाता है और पानी पिया भी ज्यादा जाता हैं.
मोरिंगा ( Drumstic )
मोरिंगा को सहजन, सुहांजन, सेवगा, ड्रमस्टीक ऐसे अलग अलग नामों से जानते हैं। मोरिंगा एक बहगूनी पौधा है जिसमे सभी तरह के अमीनो एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामीन ए, फाइबर, पाया जाता हैं। यह विटामिन, खनिज, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट सहित कई पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्त्रोत हैं। मोरिंगा पुरुष और स्त्री दोनों के ही लिए फायदेमंद है, इसके नियमित सेवन करने से शुक्राणु की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों में ही सुधार होता है। मासिक धर्म मे होने वाले परिशानियों को दूर करता है, साथ ही पुरषों के टेस्टोस्टोरोंन को इंप्रूव करके वीर्य को गाढ़ा करता है। मोरिंगा leaves का ताजा रस पीने से पाचन संबंधित समस्या दूर होती हैं, गट मे गुड बैक्टेरिया का संचार बढने लगता है, साथ ही मोरिंगा शरीर से सारे टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। इसीलिए आयुर्वेद मे मोरिंगा को किंग ऑफ सुपरफूड कहा गया है। शाकाहारी लोगों के लिए मोरींगा किसी वरदान से कम नहीं हैं, शाकाहारी लोगों मे अक्सर B12 की कमी पाई जाती है, B12 की कमी को दूर रखने के लिए मोरिंगा एक बेहतरीन नैचुरल सुपरफूड हैं.
पारिजात ( हरसिंगार )
पारिजात को एक प्रकार का कल्पवृक्ष भी कहा जाता है, आमतौर पर पारिजात का इस्तेमाल केवल पूजा – पाठ के लिए ही किया जाता है। लेकीन आयुर्वेद मे पारिजात के पेड़ इस्तेमाल कई बीमारिया ठिक करने के लिए भी किया जाता है। पारिजात से मुख्य तीन दिक्कतों में आराम मिलता है, कमर दर्द, आर्थराइटिस और बॉडी पेन में, पारिजात पत्ते बॉडी टेंप्रेचर को कम करता है, इसीलिए यह बुखार में नैचुरल पैरासिटामोल की तरह काम करता है। इसके अलावा इसके leaves का काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया में भी असरदार होता है। साथ ही परिजात एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल होने की वजहसे से इसके leaves का काढ़ा पीने से ये खून को साफ करता है और चेहरे के चमक को बढ़ाता है.
अमरूद के पत्ते ( Guava Leaves )
Guava Leaves मे एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इनफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टेरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, अमरूद के leaves चबाने से पाचन तंत्र बेहतर होता है, अपचन, एसिडिटी, गैस कम होती हैं। अमरूद के पत्ते ka काढ़ा पीने से इम्युनिटी मजबूत होती हैं। साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल और शुगर को नियंत्रित करने के लिए अमरूद के पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं
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सेहत का खजाना मोरिंगा, क्यू कहते हैं मोरिंगा को किंग ऑफ सुपरफूड ?