Shilajit : शिलाजीत के 10 अद्भुत फायदे क्या महिलाएं भी ले सकती है शिलाजीत

Shilajit एक ऐसा रसायन जिसे विशेषज्ञों ने सर्वनाशक कहां हैं। शिलाजीत शरीर में उत्पन होने वाले सभी व्याधियों को समाप्त करने मे सक्षम हैं। आमतौर पर यह माना जाता हैं कि शिलाजीत सिर्फ पुरुषों के संभोग स्टैमिना बढ़ाने हेतु उपयोगी हैं, यह सच है कि शिलाजीत पुरुषों के प्रदर्शन के लिए काफी लाभकारी है। लेकिन इसके अलावा शिलाजीत में कई पोषक तत्व और मिनरल्स होते है जो, शारीरिक विकास के लिए काफी फायदेमंद होते है | शिलाजीत के बारे मे यह भी ग़लतफ़हमी है कि यह सिर्फ पुरुषों के लिए ही है, लेकिन जानकारों का माने तो शिलाजीत का इस्तेमाल पुरुष और महिला दोनों ही कर सकते है। शिलाजीत एक चिपचिपा पदार्थ होता हैं जो सामान्य तौर पर ऊंचे पहाड़ों से और पर्वतों से निकाला जाता हैं. जब ग्रीष्म ऋतु आता है तब सूरज की गर्मी से चट्टानों से काला सा स्राव निकलता हैं वहीं होता हैं शिलाजीत..

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शिलाजीत के प्रकार ( Types of Shilajit )

Shilajit पर्वतों से निकलने वाला एक खनिज है, जिस पर्वतों से यह निकलता हैं उस पर्वतों मे किस धातु का अंश हैं उसपर शिलाजीत के प्रकार निर्भर होते हैं.
1. सुवर्ण शिलाजीत
2. रजत शिलाजीत
3. ताम्र शिलाजीत
4 . लौह शिलाजीत
सुवर्ण, रजत और लौह शिलाजीत यह शीतल होते है, और ताम्र शिलाजीत यह उष्ण होता हैं। इन चारों शिलाजीत में ताम्र शिलाजीत को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, आयुर्वेद मे यह सभी तरह के बीमारियों में उपयुक्त माना गया है.

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शिलाजीत के फायदे – Shilajit ke fayde Hindi mein

1. शारीरिक कसरत के लिए फायदेमंद
शुद्ध शिलाजीत में फुलविक ऐसिड बहुत अच्छी मात्रा मे होती हैं, यह फुलविक ऐसिड घुलनशील पदार्थ होता हैं जो बड़ी आसानी से पानी मे मिल जाता है और यहीं शुद्ध शिलाजीत की असली पहचान होती हैं। फुलविक ऐसिड एक बहुत ही मज़बूत एंटीऑक्सीडेंट होता हैं, तनाव के कारण, मोटापे के कारण, खराब जीवन शैली के कारण या हस्तमैथुन के कारण शरीर मे जो भी ऑक्सीडेटिव डैमेज शरीर मे उत्पन्न होते है यह उसे रोकता हैं और ठीक भी करता हैं। जो लोग अक्सर शारीरिक कसरत करते है यह फुलविक ऐसिड उनके बॉडी के स्ट्रेंथ, एनर्जी और स्टैमिना को बढ़ाता हैं, प्रदर्शन में बेहतर इजाफा करता हैं। हड्डियों को मजबूत बनाता हैं.

2. शुक्राणु वर्धक रसायन शिलाजीत
चरक संहिता मे shilajit को उत्कृष्ट रसायन कहा गया है जो शरीर का ओर इंद्रियों का बल बढ़ाती हैं। शिलाजीत के सेवन से सभी धातुओं की वृद्धि होती हैं जो शरीर की ऊर्जा बढ़ाती हैं, थकान दूर करने मे मदद करती हैं। यह शुक्र धातु को भी बढ़ाता हैं जिन लोगों को शुक्र धातु से संबंधित या वन्धत्व से संबंधित कोई दिक्कत है उनके लिए यह सबसे अच्छी औषधी है। शिलाजीत से टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस बढ़ता हैं, जिससे यौन प्रदर्शन में काफी लाभ मिलता हैं। शिलाजीत से स्पर्म काउंट तेज़ी से बढ़ने लगता है.

3. दिमाग के स्वास्थ को बढ़ाता हैं
आयुर्वेद मे Shilajit को मेधाश्मृतिकरम कहा गया हैं, अध्ययन से पता चलता हैं कि shilajit में न्यूरोप्रोटेक्टेव क्षमता है जो दिमाग के विकास के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व होता हैं। जो एकाग्रता, केंद्रित करने में सहायता करता हैं. इसके फायदे के लिए shilajit का शुद्ध होना आवश्यक होता हैं. बढ़ते उम्र के साथ साथ स्मृतिभंश (अल्जाइमर) की समस्या होने का खतरा भी बढ़ता हैं, अध्ययन के अनुसार शिलाजीत के सेवन से अल्जाइमर तक को रोका जा सकता हैं.

4. थकान, आलस्य, कमजोरी मे शिलाजीत के फायदे
Chronic fatigue syndrome जिनको इस तरह की स्थिति होती हैं वह दिन भर थका थका हुआ महसूस करते है, जिनको दिन भर आलस्य रहता हैं यह फुलविक ऐसिड उसको कम करता हैं। उम्र बढ़ने के कारण जो कमजोरी आना शुरू होती हैं shilajit उसको कम करता हैं.
5. एंटी एजिंग शिलाजीत
Shilajit के इस्तेमाल से टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ता है जिससे कि शिलाजीत का फुलविक ऐसिड एजिंग के प्रोसेस को भी स्लो करता हैं.
6. सूजन कम करता हैं
शरीर मे कही सूजन है या पेशाब को बार बार जाना पड़ता हैं या पेशाब खुलकर नहीं आती या मूत्रविकार से संबंधित समस्या हैं तो उसमें भी shilajit का सेवन फायदेमंद होता हैं.
7. मधुमेह को रोकता हैं
एक अध्ययन मे यह पाया गया कि शिलाजीत प्री डायबिटिक लोगों के लिए बहुत अच्छी औषधी है तथा यह ग्लूकोज और लिपिड प्रोफ़ाइल को कम करने मे मदद कर सकता हैं। हालांकि इसपर अभी ओर संशोधन की आवश्यकता है.
8. खून को बढ़ाता हैं
Shilajit में पाए जाने वाले लोह से खून को बढ़ाने मे मदद मिलती हैं, खासकर आयरन की कमी के कारण जो एनीमिया हैं उसमें ज्यादा लाभकारी हैं. मासिक धर्म मे रक्त स्त्राव के कारण अगर एनीमिया हुआ है या बहुत ज्यादा थकान है तो शिलाजीत का सेवन अवश्य करें, लेकिन अगर गर्भ अवस्था हैं या शिशु को स्तनपान हैं तो ऐसे मे इसका सेवन न करें या फिर ऐसे अवस्था में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले। चुकीं शिलाजीत तासीर मे गर्म होती हैं तो इससे कोई नुकसान भी हो सकता हैं.
9. जठराग्नि को प्रज्वलित करता हैं
आयुर्वेद मे मंद जठराग्नि को सभी रोगों का मूल कारण कहा गया हैं। जठराग्नि मंद होती हैं तो भूख कम होती हैं, अजीर्ण, अपचन होने लगता हैं, मेटाबॉलिज्म कम हो जाता हैं। इन सभी समस्याओं को कम करने मे shilajit का सेवन काफी फायदेमंद है.
शिलाजीत का इस्तेमाल कैसे करें?
प्राचीन संहिता में Shilajit को 12gm से लेकर 40gm की मात्रा तक शिलाजीत का उपयोग कर सकते है। लेकिन यह मात्रा उस समय के अनुसार थी, क्यो कि उस समय मे शारीरिक स्थिति अलग थी, लेकिन आज अगर इतनी मात्रा मे इसका उपयोग किया तो लाभ कम ओर नुकसान अधिक हो सकते है। आज की परिस्थितियों के अनुसार सिर्फ दो गेहूं के दाने जितना ही प्रयोग करना उचित होगा, सुबह और शाम दोनों समय मे ही इसका सेवन कर सकते है सुबह खाली पेट और संध्या मे सोने से एक से डेढ़ घंटे पहले गुनगुने दूध या पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं.
शुद्ध शिलाजीत की पहचान
Shilajit के लाभ के लिए इसका शुद्ध होना बहुत जरूरी होता हैं। शिलाजीत को कभी भी कच्चा रूप मे उपयोग नहीं करना चाहिए पूरी तरह से शुद्धिकरण करने के बाद ही इसका प्रयोग कर सकते है
शुद्ध शिलाजीत को तिन तरीके से पहचाना जा सकता हैं
1 – शिलाजीत को जलाने से इसमें से धुआं नहीं निकलता हैं। यह आग तो पकड़ लेगी लेकिन धुआं निकालेगी.
2 – पानी में डालते ही पानी में घुलना शुरु होती हैं.
3 – इससे गाय की मूत्र जैसी तिश्न गंध आती हैं.

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