Healthy Habits जो मानवता के लिए किसी वरदान से वरदान से कम नहीं है, जिसे भारत के लोगों ने छोड़ दिया और विदेशियों ने अपनाकर अपना जीवन सुधार लिया, मॉडर्नाइजेशन के चक्कर मे इंडियन लोगों ने अपनी सेहत के साथ, संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर लिया और वात रोग, पित्त रोग, कमर के दर्द ऐसे कई दिक्कतों को अपनाते चले गए
स्वस्थ रहने के हेल्थी हैबिट्स – What Is Healthy Habits

1. उकडू बैठना – indian Sqatting position
उकडू बैठना यह पेट, शरीर और दिमाग को हल्का करके हमे स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक बहुत ही अच्छी स्वस्थ आदते और एक पौराणिक तरीका है। उकडू बैठने से पेट, पैर और कमर मे ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है जिससे पैरों मे लचीला पन बना रहता हैं। बडी उम्र तक भी पैर, कमर, जोड़ों में दर्द नहीं होगा, पैरों की मांसपेशियों में मजबूती बने रहेगी, टांगो की मजबूती बनी रहेगी, पेट बाहर नहीं निकलेगा, पेल्विक एरिया पूरी तरह से स्ट्रॉन्ग बना रहेगा, पिंडलियां (calves) जिसे दूसरा दिमाग भी कहां जाता है उसमे ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता रहेगा. बढ़ते उम्र के साथ साथ घुटने का दर्द भी बढ़ते जाता हैं, उकडू बैठने से घुटनो की नसों पर तान पड़ता है जिससे दबे हुए नसे भी खुल जाती हैं। सुबह उठते ही उकडू बैठकर एक ग्लास गुनगुना पानी पीने से पेट पूरी तरह से साफ होता है। इसके अलावा यह पंच वायु को संतुलित रखता हैं। उकडू बैठकर खाना खाने से डाइजेशन इम्रूव होता है, उकडू बैठकर पेशाब करने से ब्लैडर पूरी तरह से साफ होता है, मेल्स को प्रोस्टेट की समस्या नहीं होती, UTI की दिक्कत नही होती. उकडू बैठने से इंटरनल ऑर्गन्स जो है वो सही स्थिति मे आता है जिससे मल त्यागने मे आसानी होती है। सबसे बडी बात यह के उकडू बैठकर पोछा लगाने से नॉर्मल डिलीवरी भी हो सकती है। पीरियड्स मे राहत मिलेगी, मोनोपॉज मे दिक्कतें नही होती, एक अध्ययन मे यह भी पाया गया कि उकडू बैठने से क्लोन से मल अच्छेसे त्यागने से क्लोन कैंसर होने के संभावना को भी रोक देता है। किसी भी प्रकार की कोई सर्जरी मे उकडू बैठना टालना चाहिए, उकडू बैठना सेहत के लिए एक बेहतरीन स्वस्थ आदते हो सकती है.
खडे हुए काम करना
ज्यादा बैठकर काम करने की तुलना स्मोकिंग से की जा रही है। विशेषज्ञों की माने तो बैठने से हार्ट डीजीस की समस्या 200 गुणा अधिक होती है। डाइजेशन की गती स्लो हो जाती है, फैट बढने लगता है, डायबिटीज होने की संभावना अधिक बढ जाती है। ज्यादा बैठने से मसल्स कमजोर होने लगते है, आवश्यक पोषक तत्वों को शरीर अवशोषित नहीं कर पाता, जिससे मेटाबालिज्म कमजोर पड़ने लगता है। खडे रहने से एनर्जी लेवल बने रहती है, हड्डियों को मजबूती मिलती है। जिस बॉडी पार्ट का इस्तेमाल नही होता शरीर धीरे धीरे उसे कम कुशल बनाता है, कमजोर बनाता है। खडे रहना एक अच्छी स्वस्थ आदते होती है. हेल्थी रहने के लिए जितना जरूरी खाना और व्यायाम है, उतना ही जरूरी होती है एक अच्छी जीवन शैली, एक अच्छी स्वस्थ आदते.
नंगे पाव जमीन पर चलो – Benefits of earthing
पुरानी सभ्यता मे यह मान्यता है की जितने देर जमीन पर रहोगे उतनी देर तक धरती पर रहोगे, मॉडर्नाइजेशन के चक्कर मे इंसान ने धरती के संपर्क मे आना ही बंद कर दिया, जिससे अनेकों प्रकार के पोषक तत्व शरीर को मिलने ही बंद हो गए, बिजली गिरने से, पानी से, धूप से, ठंड से जो भी आवश्यक पोषक तत्व जमीन मे होते है वो शरीर को मिल ही नहीं पाते जिससे शरीर को अनेकों प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 2005 की एक अध्ययन मे यह पाया कि जमीन के संपर्क मे रहने से शरीर के अंग भी रिपेयर होने लगते है। नंगे पैर जमीन पर चलने से शरीर को एक प्रकार से ऊर्जा मिलती है, शरीर ऊर्जावान होता है। नंगे पैर चलने से कोर्टिसोल लेवल कम होने लगता है जिससे नींद अच्छी होती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस के कारण फ्री रैडिकल्स तैयार होते है, यहीं फ्री रैडिकल्स ऐक्टिव सेल्स का निर्माण रोककर डेड सेल्स को तैयार करते है। फिर यही डेड सेल्स आगे चलकर दीर्घकालिन बीमारियों का कारण बन जाते है। इस फ्री रैडिकल्स को अगर न्यूट्रलाइज किया जाए तो अनेक समस्याओं से बचा जा सकता है। संशोधन यह कहती हैं कि पृथ्वी एक एंटीऑक्सीडेंट फोर्स है जिसपर नंगे पाव चलने से शरीर को सारे प्रकार के पोषक तत्व मिलते रहते है। तो स्वास्थ के लिए नंगे पाव चलना एक बेहतरीन healthy Habits होती है.
सुबह स्ट्रेचिंग करे – benefits of Streching
सुबह फ्रेश होने के बाद पूरे शरीर को स्ट्रेच जरूर करे क्योंकि ऐसा करने से नसों के अंदर ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से इम्रूव होता है जिससे दबी हुई नसे भी खुल जाती है। और कमर का दर्द जिससे आज हर कोई परेशान है नही होगा अगर रोजाना स्ट्रेचिंग की जाय, सिर्फ 15 मिनिट की स्ट्रेचिंग लंबे समय तक शरीर को बुढा नहीं होने देती
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