healthy chay – चाय मे डाल दो ये चीजें चाय बन जायेगी औषधी

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healthy chay

इस देश मे सबसे ज्यादा अगर कुछ पीया जाता है तो वो है चाय. चाय भारतीय संस्कृति का इतना अहम हिस्सा बन चुकी है कि इसे छोड़ना तो दूर इसे कम करने से भी लोग मना कर देते है |वो कहते है ना सारा ज्ञान ऐक तरफ और चाय कि चुस्की ऐक तरफ. चाय को अगर सही ढग से किया जाये तो वो किसी अमृत से कम नही अगर नही किया जाये तो किसी जहर से भी कम नही. थकान मिटाने के लिए तो आज सबसे ज्यादा चाय का ही इस्तेमाल किया जाता है | चाय के फायदे कम लेकीन नुकसान जादा है. ज्यादा चाय पिने के कारण imunity system कमजोर होने लगती है. जीसके कारण भूक कम लगणा, ॲसिडिटी, वजन कम होना, ज्यादा चाय पिने से खून तो खराब होता ही है, लेकीन शरीर मे खून भी ठीक से नहीं बन पाता जिससे ऍनिमिया जैसे खतरनाक दिक्कतों का भी सामना करना पड सकता हैं | चाय के ज्यादा सेवन से inflamation तेज होती है |। जीसके कारण उमर के पहले ही हमरा शरीर बुढा होने लगता है. चेहरे पर झुरीया आना शुरू हो जाता हैं. उमर के पहले ही शरीर बुढ्ढा दिखने लगता है.

ज्यादा के सेवन से शरीर से युरिक ॲसिड धीरे धीरे कम होने लगता है. फिर धिरे धीरे हड्डियां कमजोर होने लगती है, यूरिक एसिड औसतन कम होने के कारण शरीर ठिक से कैल्शियम प्रोड्यूस नहीं कर पाता बाद में हड्डी का दर्द, घुटने मे दर्द, हाथ पैर मे दर्द होने लगता है |
एक कप चाय मे 120 से 150 तक कि कॉलरीज होती है
फैट 2 gm तक होता है, शुगर 25 gm और कार्ब 24 gm वही ब्लैक Tea मे कॉलरीज़ 0, फैट 0, शूगर 0, कार्ब 0 , लेकीन कुच्छ ओर भी चिजे है जो चाय मे मिलाकर पिने से शरीर की बहोत सारी बिमारिओ को सिर्फ एक कप चाय हि ठीक कर सकती है , वो इसिलीये क्यू की चाय मे polyphenol ओर flevinides जैसे antioxidant होते है लेकीन चाय बनाते वक्त कूच्छ ऐसी गलतिया कर देते है जिसके कारण antioxidant का ज्यादा फायदा नहीं ले पाते.

* पहली गलती ये के चाय को ज्यादा उबालने से चाय तो कड़क बन जाती है लेकीन ज्यादा उबालने से उसके अंदर का antioxident लेवल पूरी तरह से खतम हो जाता है.
ज्यादा कड़क चाय पीने से खून तो खराब होता ही है लेकिन ये कड़क चाय आमाशय के अंदर जाते ही आमाशय की अग्नी ज्वाला पूरी तरह से खतम कर देता है | जिसके कारण एसिडिटी, ब्लोटिंग, भूख ना लगना, नींद का डिस्टर्ब होना, नींद के साइकिल को भी चाय पुरी तरह से रिवर्स कर सकता है | इसलिए चाय को हमेशा थोडा ठंडा होने पर ही पिए |

* दूसरी गलती ये के ठेलो की चाय को जितना अवॉइड करें उतना अच्छा है, एक ही चाय को बार बार उबालते है और एक ही पत्ती का बार बार इस्तेमाल करते हैं जिससे चाय, चाय नही जहर बन जाती है

* तीसरी गलती ये के कई बार हम चाय मे चीनी मिलाकर चाय बनाते हैं जिससे चीनी के कारण एंटीऑक्सीडेंट लेवल कम हो जाता है, सफेद चीनी को तो सफेद जहर तक कहा गया है, क्यू कि सफेद चीनी सल्फर जैसे खतरनाक केमिकल डालकर बनाई जाती है, तो ऐसे जहर का इस्तेमाल ही क्यू करे जो बीमारियों को न्योता देता हो? चीनी के बजाय चाय मे धागे वाली मिश्री मिलाकर नही तो गुड मिलाकर चाय को पीजिए |

* चौथी गलती ये के चाय को कभी खाली पेट नहीं पीना चाहिए क्यू कि खाली पेट सेवन से ये आमाशय के अग्नी को कमजोर करती है.

ऐसी कुछ और भी ध्यान देने वाली छोटी मोटी चीजे है जिसको मिलाकर चाय बनाने से चाय टेस्टी और healthy chay दोनो बन सकती है |

ऐसी आठ चीजे है जिसको चाय मे मिलाने से चाय ऐक healthy chay औषधी बन सकती है | यही healthy chay आपकी एसिडिटी और हार्ट कि हेल्थ को सुधार सकती है, यही healthy chay आपकी फेफड़ों को साफ कर सकती हैं | यही healthy chay  आपकी सर्दी, खासी, जुखाम को भी ठीक कर सकती हैं |

कैसे बनेगी healthy chay?
(1) healthy chay और इलायची
छोटी इलायची से पाचन तंत्र तंदुरुस्त रहता है और पाचन संबधी समस्याओ में सुधार होता है, डाइजेशन से जुडी समस्या मे ये सुधार करती हैं, ब्लड प्रेशर के कंट्रोल में रखने के लिए ये भी ये मदत करती है | गैस, कब्ज, सर्दी, खासी आदी में सुधार लाती हैं और मुंह के बदबू के लिए तो ये नैचुरल mouth freshner है

(2) healthy chay मे लवंग
लवंग शरीर के सूजन को कम कर सकती हैं, इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है, गठिया जैसे घातक बिमारी मे मददगार होती हैं

(3) दालचीनी – टाइप 2 Diebetes के प्रभाव को कम करती है, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती है, पाचन में सुधार लाती है

(4) मुलेठी (जेष्टमधू) – पाचन संबधी समस्या मे मुलेठी किसी वरदान से कम नहीं है, मुलेठी से एसिडिटी मे सुधार होता है क्यू कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा मे होने के कारण ये खून को साफ रखता है, कोलेस्ट्रोल को रोके रखता है फेफड़ों को साफ करने का काम करता है | और तो और मुलेठी ऐक नैचुरल ब्लड प्यूरीफायर है.

(5) काली मिर्च – कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करती है, सर्दी, खासी मे गुणकारी होती है

(6) अर्जुन कि छाल – अर्जुन कि छाल में एंटी इम्लेमेटरी गुण होने के कारण ये हृदय से जुडी समस्याओ को दूर रखता है

(7) अदरक – अदरक नसों के अंदर के खून को पतला रखने में और ब्लड फ्लो को तेज रखने मे मदत करता है, सर्दी, खासी, एसिडिटी, मे काफी लाभकारी होती है. हार्ट अटैक, ब्लॉकेज को तक ये होने नही देता, Healthy chay बनाने के लिए अदरक अहम होती है |

(8) हल्दी – हल्दी आयुर्वेद मे मान्यता प्राप्त औषधी के रूप मे स्वीकार किया गया है, हल्दी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर रिच होती है, ये सर्दी, जुखाम, खासी, गले की खराश मिटाने में मदत करती है. हल्दी एक नैचुरल ब्लड प्यूरीफायर है और तो और हल्दी एक एंटी कैंसरस भी है.

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