Gut Health पर अगर समय रहते ध्यान नही दिया तो कई जान लेवा बीमारियों का कारण बन सकता है | चूंकि हमारा (Gut) लगभग 100 मिलियंस नर्ब्स से बना हुआ होता है | इसीलिए गट हेल्थ को दुसरा दिमाग भी कहा जाता हैं | गट हेल्थ का ध्यान सबसे ज्यादा रखना जरुरी होता है क्यू की डाइजेस्टिव सिस्टम के साथ साथ (Gut Health) हमारे नर्वस और इमोशनल सिस्टम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | यदी (Gut) मे गुड बैक्टेरिया की संख्या कम हो जाय तो bad (bacteria) कई समस्याओं की जड़ बन जाता हैं | गुड बैक्टेरिया (bad bacteria) से बचाते है अगर इनकी संख्या सही हो तो.
How to improve Gut Health? ( Gut Health को कैसे सुधारे )

डायट मे आंवला को शामिल करे
आंवला जिसे अंग्रेजी में गुसबेरी भी कहा जाता है, आंवला रिच होता है विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट से जो शरीर में कई कोशिकाओं को तेज कर देता है, (Gut) मे नई सेल्स बनाता है | डाइजेशन को सुधारता है और रोग प्रतिकारक शक्ती को बढ़ाता है | आंवला का मुर्रबा बनाकर, कैंडी बनाकर, अचार बनाकर या, ज्यूस बनाकर भी लिया जा सकता है.
गट हेल्थ मे सौंठ का उपयोग करे
ताजे अदरक को सुखाकर सौंठ पाउडर बनाते हैं | ताजे अदरक के मुकाबले सुखा अदरक पचने मे हल्का होता है | इसमें एंटी इनफ्लेमेटोरी गुण होते है, जो खाने को अच्छेसे डाइजेस्ट करते है और एसिडिटी होने से बचाते है | चाय बनाते वक्त ऐक टेबल स्पून सौंठ पाउडर मिलाकर चाय बनाय या फिर ऐक चमच शहद में थोड़ी मात्रा मे सौंठ पाउडर मिलाकर की चखे.
सौंप का सेवन करे
सौंप (Gut) मे गुड बैक्टेरिया को प्रमोट करता है | इंटेस्टाइन को ठंडा रखने मे मदद करता हैं | गैस और ब्लोटिंग से बचाता है | खाना खाने के बाद सौंप का सेवन अवश्य करें क्यों की सौंप आमाशय की अग्नी को शांत करता है और पेट को ठंडक प्रदान करता है.
अजवाइन का सेवन करे
अजवाइन अपचन, एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग ऐसी कई चीजों में आराम देती हैं | अजवाइन (Gut) मे गुड बैक्टेरिया बनाने मे लाभकारी होती हैं | ऐक ग्लास पानी मे ऐक चमच अजवाइन को रात भर भिगोकर रखें फिर दूसरे दिन सुबह उठते ही सबसे पहले खाली पेट इसका सेवन करें.
पुदीना को शामिल करे
पुदीना इंटेस्टाइन की गती को तेज करता है, इंटेस्टाइन को ठंडा रखता हैं | इसकेे लिए पुदीना की चटनी डाइट मे शामिल कर सकते हैं | ऐक कप गर्म पानी मे पुदीना के कुछ को उबाले फिर थोडा ठंडा होने पर पी ले.
एसीडिटी, ब्लोटिंग से बचने के लिए हींग को शामिल करे
हींग को शैतान का गोबर भी कहा जाता है क्यू की इसकी गंध बहुत तेज होती है | हींग का इस्तेमाल पाचन संबंधी मामलों मे किया जाता हैं, जो गैस, एसीडिटी, ब्लोटिंग में आराम देती है | ऐक ग्लास गरम पानी मे चुटकी भर हींग को उबाले फिर थोडा गुनगुना होने पर खाना खाने के ऐक घंटे बाद पानी को पीए
पाचन शक्ति को बढ़ाने में तुलसी
तुलसी में एंटी बैक्टेरियल, एंटी वायरल गुन होते है, जो कफ, वात दोष, पाचन शक्ति और भूख बढ़ाने मे काम आती हैं | इसके लिए तांबे के मग मे या पानी पीने वाले मटके मे तुलसी के कुछ पत्ते डालकर रख दे, जिससे तुलसी का अर्क पानी मे उतर जाए.
पेट को ठंडा रखने के लिए कड़ी पत्ता
कड़ी पत्ते की तासीर ठंडी होती है, जो पेट को ठंडा रखने मे और पाचन शक्ति को मजबूत बनाने मे लाभकारी होता है | इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट गट हेल्थ को बेहतर बनाता है | कड़ी पत्ता कब्ज़ को दूर करता है और टॉक्सिंस को बाहर निकालता है | रोज सुबह खाली पेट कडी पत्ता खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता.
फाइबर रिच फूड्स खाए
डाइजेशन को सुधारने के लिए फाइबर युक्त फूड्स खाने मे शामिल करे, फाइबर रिच फूड्स से डाइजेशन बेहतर होता है | फाइबर रिच फूड्स गुड बैक्टेरिया बनाने के लिए फायदेमंद होते है | गट हेल्थ को बेहतरीन बनाने के लिए फाइबर जरूरी न्यूट्रिएंट है | फाइबर से डाइजेशन भी स्लो होता है जो ओवर ईटिंग से बचाता है, जिससे वजन कंट्रोल रखने मे, वजन घटाने मे, बेली फैट कम करने मे काफी मदद मिलती हैं | इसके लिए डायट मे ओट्स, हरी पत्तीदार सब्जी, फ्रूट्स, केले, शक्कर कंदी जिसे स्वीट पोटेटो कहते है | इसके अलावा चिया सीड्स, सब्जा सीड्स, ब्राउन राइस, गर्मियों मे गोंद कतीरा आदि चीजों को शामिल कर सकते हैं.
शरीर को हाइड्रेटेड रखे
इंटेस्टाइन को साफ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा मे पानी पीना आवश्यक होता है | अगर शरीर मे पर्याप्त मात्रा मे पानी नहीं होगा तो एसिडिटी होने की संभावना बढ़ जाती हैं | शरीर मे अगर लिक्विड की मात्रा कम होती है तो एचसीएल बिगड़ने की संभावना लगभग बढ़ जाती हैं जो एसिडिटी को प्रोड्यूस करती हैं.
तनाव को कम करे
तनाव का और गट हेल्थ का एक गहरा संबंध होता है जब भी तनाव की स्थिति होती है, तो उसका सीधा असर गट हेल्थ पर होता है | चुकी 90% गुड बैक्टेरिया जिसे सेरेटोरियन कहते है वो (Gut) मे यानी नाभि के पास मे ही होता है | इसलिए जिसका (Gut Healthy) होगा उसका डिप्रेशन में जाने के चांसेज भी लगभग कम होते हैं | तनाव से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा मे नींद लेना जरूरी होता है क्यू की अपर्याप्त नींद गट हेल्थ पर नकारात्मक असर डालती है | मानसिक स्वास्थ संतुलित रखने के लिए रोजाना मेडिटेशन, शारीरिक कसरत, खाना खाने के बाद टहलना जरूरी होता है.
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