Health Tips : शरीर के इन 14 वेगों को रोकने से होती है खतरनाक परेशानियां

Health Tips मे आज बात करेंगे शरीर के वेगों पर जिसे हम मॉडर्न लाइफ स्टाइल के चलते रोक देते है। फिर अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ता है। आयुर्वेद कहता है इन 14 वेगों को कभी नहीं रोकना चाहिए|

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इन वेगों को कभी नहीं रोकना चाहिए

हमारे दिमाग में यह डाल दिया है मॉडर्न लाइफ स्टाइल द्वारा के जोर से इन वेगो को निकालना यानी जंगलीपन हैं इसीलिए कुछ आधुनिक कहलाने वाले लोग खींचते, खांसते समय कम से कम आवाज़ में ही छींकते-खांसते है। इस प्रकार के वेग शरीर से रोगों को दूर कर रहे होते है, नाड़ियों को दुरुस्त कर रहे होते है और यह लोग उसे रोककर उन्हें नष्ट कर देते हैं| (Health Tips)

1. पादना(fart) : आयुर्वेद कहता हैं हमारे शरीर मे गैस को कभी नहीं रोकना चाहिए यह हमेशा शरीर से बाहर निकलती रहनी चाहिए गैस बाहर निकलती है तो वो हमारे निचले कटोरे की गति को शांत करती है। लेकिन इसे रोकने से ये हमारे गैस्ट्रिक इंटेस्टाइन सिस्टम को पूरी तरह से कमजोर कर देता है। जिससे एसिडिटी, अपचन, गैस्ट्रिक इश्यूज होते है। बहुत से बैक्टिरियल फर्मेंटेशन के कारण ये गैस हमारे शरीर मे उत्पन्न होती है, चौदह से लेकर चौबीस फार्ट करना यह नॉर्मल है.

2. टॉयलेट : आयुर्वेद यह कहता है कि हमारे शरीर के 90 प्रतिशत रोगों का मूल कारण ही पेट है। टॉयलेट को रोक देने से खाने का अपवर्ड डाइजेशन शुरू होता है जिससे बॉडी मे से टॉक्सिंस बाहर नहीं निकल पाते, टॉक्सिंस पैदा होने लगते है। रोज यदि त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए तो यह हमारे शरीर के टॉक्सिंस को भी निकालता है बाउल मूवमेंट को भी साफ करता है.

3. मूत्र(urine) : इसको रोकने से मूत्र की थैली मे संक्रमण होने का खतरा होता है। मूत्र विसर्जन करते समय हम एक गलती यह भी करते है कि हम इसे खड़े होकर करते है जिससे ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता फिर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स, प्रोस्टेट की समस्या होती है.

4. डकार(burp) : हमारे सेहत के लिए डकार देना बहुत अच्छी होती है क्योंकि बॉडी के अंदर जो अत्याधिक वायु होती है उसको निकालने का यह सबसे पावरफुल तरीका है। खाने से बॉडी मे बैक्टिरियल उत्तेजना उत्पन्न होती है उस हवा को बाहर निकल जाना बहुत जरूरी है क्यू कि यह वायु डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर करता है। खाने के बाद डकार आना एक हेल्थी इंसान की निशानी होती है.

5. छींक(sneezing) : छींक को रोकने से गर्दन कि दिक्कत होती है गर्दन कि नसे जकड़ जाती है, सर दर्द होता है, चेहरे पर डलनेस आता है, बॉडी मे थकान आती है। और धीरे धीरे चेहरे का तेज कम होने लगता है.

6. पानी(Thirst): जब भी प्यास लगे पानी अवश्य पिए अगर पानी पर्याप्त मात्रा मे शरीर मे ना जाए तो न सिर्फ डिहाइड्रेशन होता हैं बल्कि किडनीज जो हमारे शरीर से वेस्ट को बाहर निकालती है उसमें भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

7. भूख(Hunger): भूख के वेग को कभी नहीं रोकना चाहिए क्योंकि इस वेग को रोकने से थकान, नजर कमजोर होना और शरीर मे दुर्बलता आती है.

8. नींद(Sleep): जब भी नींद आए उस समय पर नींद ले लेनी चाहिए क्योंकि उस समय पर मेलाटोनिन हाइयर लेवल पर होता है। नींद नैचुरली हमारे शरीर को हिलिंग करता हैं। नींद को रोकने से प्रतिरोधात्मक शक्ति कमजोर होती है.

9. खांसी : खांसी एक हमारे चेस्ट को लंग्स को साफ करने का एक नैचुरल तरीका है। इसे रोकने से श्वसन संबंधित के सारे प्रॉब्लम्स हो सकते हैं। बार बार खांसी रोकने से यह हार्ट मे भी दिक्कत पैदा कर सकती है.

10. गहरी सांस लेना(Deep breath): एक्सरसाइज के बाद दौड़ने के बाद हमारा शरीर ज्यादा ऑक्सीजन कि डिमांड करता है। ऐसे समय पर शरीर के ऑक्सीजन कि जरूरत काफी बढ़ जाती है कोशिश करे ऐसे समय पर गहरी सांस ले जिससे कि खून तक वो ऑक्सीजन पहुंच सके.

11. जंभाई(Yawing): इस वेग को रोकने से यह सीधे हमारी नींद पर असर डालती है इसे रोकने से यह हमारे मस्तिष्क पर असर डालती है। जंभाई लेने से हमारे दिमाग तक अच्छी मात्रा मे वायु पहुंचती है जिससे नींद भी अच्छी आती है.

12. उल्टी करना(ometing): टॉक्सिंस को शरीर के बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका है उल्टी करना, यदि शरीर मे किसी भी प्रकार का कोई अनडाइजेस्टिव फूड पड़ा है तो उल्टी उसे नैचुरल तरीके से बाहर निकालती है। कफ को बाहर निकालती है, रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी साफ करती है.

13. शुक्र को रोकना(Ejaculation): इस वेग रोकने से शरीर मे कई घातक बीमारियां उत्पन्न होती हैं। शुक्र वेग को रोकने से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है, मूत्राशय मे भी दिक्कत होती है। जब यह होने कि कगार पर होता है उस समय इसे बिल्कुल नहीं रोकना क्योंकि उस समय पर इसे रोकना बहुत दिक्कत और खतरनाक प्रॉब्लम्स को बना सकती है.

14. आंसू आना (crying in tears): रोना एक बिल्कुल ही नैचुरल है जो हमारे इमोशंस को बाहर निकालकर हमारे बॉडी के साथ साथ दिमाग कि भी सफाई करता है। रोने से मन हल्का होता है जो हमारे मेंटल बर्डन को भी कम करता है.

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