Probiotic foods: दवाईयों का सेवन करते है तो जरूर खाएं प्रोबायोटिक्स फूड्स

Probiotic foods: यदि आपको अक्सर दवाओं का इस्तेमाल करने पड़ता है, तो आपको प्रोबायोटिक्स(probiotics) से भरपूर पदार्थों का सेवन जरूर करना चाहिए, ये प्रोबायोटिक्स फूड्स एंटीबायोटिक के असर को कम करके आंतों मे गुड बैक्टेरिया को बनाने मे काफी मदद करते है। जिससे आपका पेट हमेशा स्वस्थ बना रहता है।

probiotic foods
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क्या होता है प्रोबायोटिक्स – What is Probiotics

हमारे पूरे शरीर का स्वास्थ्य, हमारे दिल और दिमाग का स्वास्थ पूरी तरह से हमारे पाचन से निर्धारित होता है। हमारा पाचन पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए हमारे पाचन शक्ति का मजबूत होना आवश्यक होता है। आंतों मे गुड बैक्टेरिया कम हो जाने से ये इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है। आंतों मे गुड बैक्टेरिया होने से ये पाचन मे सुधार करता है। पोषक तत्वों के अवशोषण करने मे मदद करता है। इम्यूनिटी को बूस्ट करने मे तथा डीप स्लिप लाने मे और मानसिक स्वास्थ्य को मैनेज करने का भी काम करता है। प्रोबायोटिक्स(probiotics) जिसे सिंपल भाषा मे जिवित सूक्ष्मजीव या गुड बैक्टेरिया कहा जाता है। यह प्रोबायोटिक्स आंतों मे बैड बैक्टेरिया को कम करके गुड बैक्टेरिया को बनाने का काम करता है जिससे आंतों की मूवमेंट तेजी से बढ़ने लगती है। जिससे ये प्रोबायोटिक्स आंतों की सफाई करके आंतों से टॉक्सिंस, कोलेस्ट्रॉल और शुगर को कम करने का काम करते है। जिससे डायबिटीज, हार्ट डीजीस और ब्रेन फंक्शन्स को काफी फायदा मिलता है। लेकिन कई बार हमें एंटिबायोटिक्स का उपयोग करना पड़ता है जिससे यह गुड बैक्टेरिया आंतों से कम होने लगते है, जिससे डाइजेशन से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। लेकिन खाने मे प्रोबायोटिक्स फूड्स शामिल करने से पेट मे गुड बैक्टेरिया को बढ़ाया जा सकता है। तो चलिए जानते है क्या होता है प्रोबायोटिक्स और यह कैसे हमें स्वस्थ बनाएं रख सकता है।

1. बीटरूट कांजी
चुकंदर से बनाया जाने वाला कांजी गट मे गुड बैक्टेरिया को बनाने के लिए बेहतरीन स्त्रोत है। चुकंदर मे एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, विटामिन के, विटामिन सी, मिनरल्स और मैंगनीज जैसे कई अन्य तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा मे होते है। इसके अलावा चुकंदर मे आयरन भी होता है जो खून कि कमी को पूरा करने मे बहुत मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा मे होता है जो फ्री रैडिकल्स को न्यूट्रलाइज करके कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है। तथा नए कोशिकाओं का निर्माण करके गट मे हेल्दी बैक्टेरिया को प्रमोट करता है।
बनाने की विधि – एक चुकंदर, नमक, सरसों पावडर को एक जार मे करीब एक से दो दिन रखकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से गट मे हेल्दी बैक्टेरिया(probiotics) की पूरी कॉलोनी बसने लगती है।

2. राइस वॉटर कांजी
राइस वॉटर मे एमिनो एसिड्स, स्टार्च और एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है जो गट के लिए, बालों के लिए और स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। राइस वॉटर स्किन मे कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है जिससे एजिंग कि प्रोसेस स्लो हो जाती है। इसके अंदर स्टार्ची कंटेंट होता है जिससे इसमें गुड बैक्टेरिया बनने लगते है जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम की किसी भी तरह कि गैस्ट्रिक इश्यूज मे इसके रेगुलर सेवन से फायदा होता है। एसिड रिफ्लेक्शन, इनडाइजेशन कम करने मे मदद मिलती है।
बनाने कि विधि – एक कप चावल को साफ करके एक ग्लास पानी मे लगभग 4-6 घंटे तक रहने देना है। सेंधा नमक मिलाकर खाली पेट या दिन मे कभी भी सेवन किया जा सकता है।

3. ईसबगोल
इसबगोल को सुपर फूड भी कहा जाता है। इसके अंदर सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों ही तरह के फाइबर होते है, जो गट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ईसबगोल मे नैचुरल कूलिंग इफेक्ट होते है जो शरीर की गर्मी को कम करके पित्त को शांत रखता है। ईसबगोल दुनिया का सर्वश्रेष्ठ प्रोबायोटिक्स(probiotics) है। ईसबगोल आंतों मे गुड बैक्टेरिया को प्रमोट करके मेटाबोलिक फंक्शन्स को रेग्यूलेट करके डाइजेशन को और भी ज्यादा मजबूत बनाता है।

(ईसबगोल के बारे मे विस्तार से पढ़े)

4. दही
दूध की तुलना मे दही को शरीर जल्दी से पचा सकता है क्योंकि दही फर्मेंटेड होने के कारण इसमें पानी, फाइबर और गुड बैक्टेरिया की संख्या अधिक होती है। जिससे दही को पचाने मे आसानी होती है। दही मे कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, पोटैशियम और बी12 प्रचुर मात्रा मे होता है, जो हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही गुड बैक्टेरिया के साथ साथ सेरोटोनिन के लेवल को भी बढ़ाता है जिससे मस्तिष्क संबंधित समस्याओं मे भी इसका फायदा होता है। सुबह का समय दही को खाने का सही समय होता है। सुबह नाश्ते मे दही खाने से आंतों को ठंडक मिलती है, जिससे मेटाबोलिज्म बूस्ट करने मे और इम्यूनिटी को बूस्ट करने मे काफी मदद मिलती है। सुबह दही को खाने से दिन भर पेट ठंडा और शांत रहता है।
5. नारियल की दही
नारियल से बनी दही खाने मे जितनी स्वादिष्ट होती है गट के लिए उतनी ही फायदेमंद होती है। नारियल से तैयार होने वाली दही तासीर मे ठंडी होती है जिसे गर्मियों मे सेवन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है। नारियल की दही प्रोबायोटिक(probiotics) गुणों से भरपूर होती है। जिसका सेवन करने से आंतों मे गुड बैक्टेरिया की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है। और कब्ज़ जैसी गैस्ट्रिक इश्यूज से राहत मिलती है। नारियल मे एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होने के कारण ये शरीर को संक्रमण से बचाती है और इम्यूनिटी को बूस्ट करती है।

यहां और पढ़ें: क्या होता है प्रोबायोटिक्स, जाने फायदे और स्त्रोत

 

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