Resistant Starch: पेट से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी खान-पान के साथ-साथ कुछ रेसिस्टेंट स्टार्च से भरे कुछ चीजों को भी शामिल करें।

Resistant Starch: रेसिस्टेंट स्टार्च शुगर लेवल को नियंत्रण मे रखने के लिए काफी जरूरी होते है। रेसिस्टेंट स्टार्च शुगर को बढ़ने नहीं देते हैं। हमारे खाद्य पदार्थ में पाए जाने वाले स्टार्च ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट होते है जो बिना पचे ही हमारे बॉडी से बाहर निकल सकते हैं। स्टार्च का नाम आपने अक्सर सुना होगा लेकिन रेसिस्टेंट स्टार्च हो सकता है आपके लिए बिलकुल नया हो। स्टार्च का सेवन डायबिटिक लोगों के लिए काफी नुकसानकारक होता है, अक्सर शुगर के मरीजों को आलू, चांवल जैसे अधिक स्टार्च वाले पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। लेकिन रेसिस्टेंट स्टार्च शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देता, पिछले कुछ सालों से रेसिस्टेंट स्टार्च काफी चर्चा में देखने को मिला है और आपको ऐसे कई फूड्स मिलेंगे जिनपर आपको रेसिस्टेंट स्टार्च देखने को मिलेगा, रेसिस्टेंट स्टार्च का सेवन हम रोज करते हैं। बस हमें पता नहीं होता, रेसिस्टेंट स्टार्च हमारे सेहत को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता हैं। सामान्य स्टार्च ग्लूकोज में कन्वर्ट हो जाता है लेकिन रेसिस्टेंट स्टार्च टूट नहीं पाता इसीलिए सामान्य स्टार्च के मुकाबले रेसिस्टेंट स्टार्च हमारे सेहत के लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है। तो आइए जानते हैं रेसिस्टेंट स्टार्च (Resistant Starch) के कुछ स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभों के बारे में।
क्या है रेसिस्टेंट स्टार्च? (What Is Resistant Starch)
रेसिस्टेंट ‘स्टार्च’, ‘स्टार्च’ का ही एक प्रकार होता हैं जिसके छोटे छोटे कण गट में काफी देर तक रहने के कारण गट मे हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाने मे मदद करता है। रेसिस्टेंट स्टार्च फाइबर का भी एक प्रकार होता हैं। जो पाचन शक्ति को मजबूत करता है। इस स्टार्च को पचने मे अधिक समय लगता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है जिससे वेट मैनेजमेंट मे काफी सहायता मिलती है। रेसिस्टेंट स्टार्च एक तरह से प्रीबायोटिक्स के रूप मे काम करता है, जो आंतों में गुड बैक्टीरिया को बनाने मे काफी मदद करता है। यह प्रक्रिया शॉर्ट-चैन-फैटी एसिड का उत्पादन तथा गट के स्वास्थ्य हेतु काफी लाभदायक होती है।
(क्या है प्रीबायोटिक्स जाने इससे मिलने वाले फायदे और स्त्रोत के बारे मे)
1. ठंडे आलू
आलू के अंदर स्टार्च काफी मात्रा में मौजूद होता है जो ब्लड शुगर लेवल को बहुत तेजी से बढ़ाता हैं। लेकिन इस आलू मे रेसिस्टेंट स्टार्च भी मौजूद होता हैं जो गट को हेल्दी बैक्टीरिया बनाने मे काफी मदद करता है। उबले हुएं आलू को पूरी तरह से ठंडा होने दें, आलू पूरी तरह से ठंडा होने पर इसके अंदर का स्टार्च रेसिस्टेंट स्टार्च में बदल जाता है।
2. हरे केले
पके हुए केले की तुलना मे हरे केले मे रेसिस्टेंट स्टार्च ज्यादा मात्रा में मौजूद होता हैं। केले एक बार पकने के बाद उसके अंदर का स्टार्च शुगर में बदल जाता है। यदि आप केले का सेवन रेसिस्टेंट स्टार्च के लिए करना चाहते हैं तो हरे केले का विकल्प आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में हरे केले का सेवन सीमित मात्रा मे करना जरूरी हो जाता है। केले अर्ध पके होने के कारण इसका अधिक सेवन अन्य समस्याओं को भी खड़ा कर सकता है।
3. चावल
ठंडे आलू की तरह, ठंडा चावल भी रेसिस्टेंट स्टार्च का एक बेहतरीन पर्याय है। पका हुआ चावल जब ठंडा हो जाता है तब उसमे रेसिस्टेंट स्टार्च का स्तर गर्म चावल के मुकाबले मे अधिक पाया जाता है। जब संभव हो, तो चावल को रात मे ही पका कर उसे फ्रिज मे रख ले सुबह तक उसमें रेसिस्टेंट स्टार्च का स्तर बढ़ जाएगा।
4. हरे मटर
हरी मटर रेसिस्टेंट स्टार्च का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। हरी मटर को पकाए जाने पर भी रेसिस्टेंट स्टार्च का स्तर बना रहता है।
5. फलियां
चना, दाल और बीन्स इन जैसे अन्य फलियों मे रेसिस्टेंट स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। इन्हें पकाकर ठंडा करने से इसकी (resistant Starch) की मात्रा बढ़ जाती है।
रेसिस्टेंट स्टार्च के अन्य स्त्रोत – ( सभी ठंडे )
* ओट्स
* सबूत अनाज
* शक्करकंदी
* मकई
* चने
अन्य फायदे
* ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है।
* वजन नियंत्रित रखता है।
* वजन कम करने के लिए फायदेमंद।
* कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है।
* कोलन कैंसर के रिस्क को कम करता है।
* डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है।
* आंतों के स्वास्थ्य के साथ लाभकारी।
* आंतों के मूवमेंट को बढ़ाता है।
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