Autophagy Benefits: आज हम इस लेख मे एक ऐसे शोध के बारे जानकारी देने का प्रयास करेंगे जिन्हें इस शोध पर नोबेल पुरस्कार तक दिया गया। इस शोध में डॉ. ओशोनोरी ओहसुमी ने यह पाया कि इस प्रक्रिया से हम हमारी बॉडी को फिर से नया बना सकते हैं।

ऑटोफेजी एक ऐसी तकनीक जिसे जापान के डॉक्टर ओशोनोरी ओहसुमी ने यह सिद्ध किया कि हम ऑटोफेजी (autophagy) कर के कैंसर जैसे कई अन्य गंभीर बीमारियों को खत्म कर सकते है। ऑटोफेजी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरानी कोशिकाएं डैमेज्ड कोशिकाओं को पुनः रिपेयर करके उनको पुनः उपयोग मे लाती है। ऑटोफेजी यह दो शब्दों से मिलकर बनता है ऑटो और फैजी ‘ऑटो’ का मतलब होता है ‘खुद ब खुद’ और ‘फैजी’ का मतलब होता है ‘खाना’ याने स्वयं खाना यह ऐसी प्रोसेस होती हैं जहां हमारी बॉडी खुद ही साफ होने लगती है, डेड और डैमेज्ड सेल्स को खाकर नई और हेल्दी सेल्स बनाने लगती हैं। कई बार डेड सेल्स के कारण कैंसर जैसी स्थिति निर्माण होने लगती है। यह ऑटोफेजी कैंसर सेल्स को खत्म करती है और उन्हें बढ़नी से रोकती है। आज के इस लेख मे यही जानने की कोशिश करेंगे कि ऑटोफेजी क्या होती हैं और इससे हमे क्या क्या लाभ मिल सकते हैं। (Autophagy Benefits In Hindi)
क्या है ऑटोफेजी – What Is Autophagy
हमारे सेल्स लगातार टूटते रहते है और खराब होते रहते है। यह ऑटोफेजी उन सेल्स को रीसाइक्लिंग करके उन खराब सेल्स को अच्छे सेल्स में कन्वर्ट करता है। हमारे सेल्स के अंदर एक लाइसोसोमस नाम का एक घटक होता है जो खराब कोशिकाओं को अपने अंदर खा जाता है और उन्हें दूसरे यूजफुल प्रोडक्ट मे कन्वर्ट करके उन्हें पुनः जीवित बनाता है।
काम कैसे करता हैं ऑटोफेजी – How Autophagy Works
ऑटोफेजी शरीर के लिए एक हीलिंग की तरह काम करता है। इस प्रक्रिया के दौरान शरीर मे जमा गंदगी बाहर निकलती है। इस प्रक्रिया के दौरान कोशिकाएं पहले के मुकाबले अधिक मजबूत हो जाती हैं और इन्फेक्शन, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बॉडी को सक्षम बनाती है। ऑटोफेजी खराब कोशिकाओं को फिर से नया बनाकर समय से पहले होने वाले बुढ़ापे को कम कर देता है। साथ ही डैमेज्ड सेल्स जो कई बार कैंसर का कारण बनते है उन्हें नष्ट करता हैं और उन्हें बढ़ने से भी रोक देता है।
कैसे शुरू करें ऑटोफेजी – How Start Autophagy
आप इस ऑटोफेजी को हफ्ते मे एक बार 24 घंटे के उपवास से करे, आप इस ऑटोफेजी को चाहे तो पानी पर, ज्यूस पर या फ्रूट्स पर भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस प्रक्रिया को इंटरमिटेंट फास्टिंग से भी कर सकते हैं। आपको इस प्रक्रिया को महीने मे एक बार या तीन महीने मे एक बार जरूर करना चाहिए। इससे आपका बॉडी फैट कम होने लगेगा, ब्लाकेजेस को खोल देगा, टॉक्सिंस को बाहर निकालेगा, कैंसर सेल्स को खत्म कर देगा, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखेगा, डायबिटीज से बचाएं रखेगा। इसके अलावा ये ऑटोफेजी पार्किनसन्स और अल्जाइमर्स जैसे डीजीसी को भी रोक सकता है। इस ऑटोफेजी के कई सारे फायदे हमें मिलते हैं, लेकिन शरीर से पहले ही कमजोर लोगों को और गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं करना चाहिए नही तो इससे आपको कमजोरी, थकान और चक्कर जैसे दिक्कतें हो सकती है।
ऑटोफेजी के फायदे – Benefits Of Autophagy
* इम्यूनिटी स्ट्रांग बनाए: हमारा शरीर बीमारियों के रूप मे कई बार हमें यह इशारे देता रहता है, कि हमें इस ऑटोफेजी की बहुत जरूरत है, लेकिन खाना खाकर हम इसे खुद ही रोक देते है। ऑटोफेजी करते समय हमारा शरीर खुद की मरम्मत करता है। ऑर्गन्स को फिर से रिपेयर करके उन्हें फिर से नया बनाता है, तथा खराब कोशिकाओं को बाहर निकालकर नई सेल्स बनाता है। जिससे कैंसर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी अन्य बीमारियों को रोका जा सकता है।
* एंटीएजिंग: ऑटोफेजी का समय से पहले होने वाले बुढ़ापे को कम करने मे काफी फायदा मिलता है। ऑटोफेजी करते समय हमारी बॉडी नई स्किन सेल्स बनाती है। जिससे हमारा शरीर लंबे समय तक हेल्दी और ऐक्टिव दिखाई देता है। ऑटोफेजी से चेहरे पर की डलनेस और झुरियां को कम करने मे काफी मदद मिलती है।
* वजन नियंत्रित करना: ऑटोफेजी से बॉडी का मेटाबोलिज्म तेज हो जाता है, जिससे बॉडी की ऊर्जा की जरूरत बढ़ती है, ऐसे मे बॉडी शरीर की अतिरिक्त चर्बी को इस्तेमाल करता है। जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
* हार्ट के लिए: ऑटोफेजी करते समय हमारी बॉडी रिलैक्सिंग मोड में चली जाती है, जिससे ब्लड वेसल्स से ख़राब टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
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