Triphala शब्द का अर्थ होता हैं तीन फल जो आंवला, बहेड़ा, और हरड़ से मिलकर बनती हैं। आयुर्वेद में त्रिफ़ला की सबसे ज्यादा तारीफ की गई हैं, आयुर्वेद में त्रिफ़ला को सबसे ज्यादा महानता हासिल है। आयुर्वेद में त्रिफ़ला को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है, जो एक साथ अनेकों रोगों को होने से पहले ही रोक देता है। चरक संहिता मे चरक ऋषी ने त्रिफ़ला की तुलना संजीवनी से की है। तीन फलों का कॉम्बिनेशन आंवला, हरड़ और बहेड़ा से मिलकर बनने वाला त्रिफ़ला किसी संजीवनी से कम नहीं हैं.
जानते है त्रिफला चूर्ण के फायदे – Benefits Of Triphala Churn
ओरल केयर का रखे खयाल
Triphala चूर्ण मे कोई घातक केमिकल नहीं होता जिससे की मुंह को नुकसान पहुंचाए, एक अध्ययन मे यह पाया गया की मार्केट में मिलने वाला माउथ वॉश जो अनेकों प्रकार के कार्सेजनिक केमिकल से भरा हुआ होता है, जो मुंह के गुड बैक्टेरिया को मार देता हैं। जिससे मुंह का कैंसर होने की संभावना लगभग बढ़ जाती हैं। उससे हजार गुना बेहतर माउथ वॉश है triphala, इसमें एक नैचुरल एंटी कैंसर्स घटक हैं हरड़ जिसमे पावरफुल एंटी कैंसर्स प्रॉपर्टीज होती हैं, जो मुंह के कैंसर को और अल्सर को रोकता हैं। त्रिफ़ला मुंह में गुड बैक्टेरिया बनाता हैं और मुंह के खराब बदबु दूर करता हैं, ग़म प्रोब्लम को दूर करता हैं.
आयुर्वेदिक नुस्खे दांतो की सारी परेशानी जड़ से खत्म
स्किन को निखारता है
त्रिफला मे एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो अनेकों प्रकार के स्किन इन्फेक्शन को प्रभावी रूप से रोकता हैं। Triphala के रेगुलर सेवन से स्किन पर ग्लो आने लगता हैं। चेहरा पहले के मुकाबले ज्यादा खिलने लगता हैं। चेहरा चमकदार और जवान दिखने लगता हैं। Triphala मे एंटीऑक्सीडेंट होते है जो शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स को खत्म करते है जिससे त्वचा कई रोगों से मुक्त रहती हैं। इसके प्रत्यक्ष लाभ के लिए इसे चेहरे पर सीधे भी इस्तेमाल कर सकते है। त्रिफ़ला पावडर से चेहरे को वॉश कर सकते है। त्रिफला मे मुल्तानी मिट्टी और बेसन मिलाकर चेहरे पर लेप बनाकर लगाने से चेहरे पर की सारी गंध निकल जाती है.
पेट को साफ करता हैं
Triphala को आयुर्वेद मे मृदु रेचक कहा गया है मतलब एक जेंटल लेकजेटिव जो कब्ज़ खत्म करता हैं, गैस , एसीडिटी को कम करता है। त्रिफला एक तरह से गट हिलर की तरह काम करता है। यह गट मे मौजूद बेनिफिशल बैक्टेरिया को मुलायम करता है.
बॉडी को डिटॉक्स करता हैं
Triphala मल त्यागने मे आसानी करता है जिससे सालों से शरीर मे पड़ा हुआ मल, आंतों में जमा हुआ मल निकल जाता है। और इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज कोलेस्ट्रॉल को भी रोकती हैं। जिससे हार्ट भी स्वस्थ रहेगा और हार्ट डीजीस होने की संभावना भी लगभग दूर रहेगी.
त्रिफ़ला एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट
त्रिफला एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारी बॉडी को फ्री रैडिकल्स से बचाता हैं.
आंखों के लिए फायदेमंद
Triphala के रेगुलर सेवन से ये आखों की रोशनी को बढ़ाता हैं इसमें मौजूद आंवला आंखों के मसल को मजबूत बनाता हैं और दृष्टि की स्पष्टता को सुधारता है। Triphala आंखों को स्वस्थ रखता हैं और ग्लूकोमा, कंजेक्टिवाइटिस और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को कम करता है.
वेट लॉस में सहायक
Triphala हमारे बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) को बूस्ट करता हैं। BMR यानी आपकी बॉडी किस स्पीड से कैलोरीज़ को बर्न करती है। मेटाबोलिज्म तेज होता हैं तो BMR भी नैचुरली इंप्रूव होता हैं जो वेट लॉस करने मे काफी मदद करता है। Triphala मे कोलेसिस्टोनिक नामक एक कंपाउंड होता है जिससे कि पेट भरा हुआ महसूस होता है और फाल्तू के खाने से बच जाते है। Triphala में मौजूद डिटॉक्सिफाई करने वाले कंपाउंड होते है जो फैट एक्यूमेलुशन को कम करते है। Triphala का रेगुलर सेवन फैट फ्री बॉडी पाने में मदद कर सकता है.
बवासीर मे लाभकारी
कब्ज़ के कारण पाइल्स हो या अन्य कोई समस्या सब पेट से ही शुरू होती हैं। अगर डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत किया जाए तो ऐसे सैकड़ों समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैं। Triphala डाइजेशन को सुधारता है आंतों की क्षमता को बढ़ाता हैं जिससे कि पेट पूरी तरह से साफ होता है। त्रिफला का सेवन तीन महीने से अधिक नहीं करना चाहिए, तिन महीने सेवन करने के बाद पंधरा दिन का अंतर जरूर रखें. किसी भी प्रकार की कोई मेडिसिन अगर ले रहे है तो त्रिफला का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्यू कि ये एंटिबायोटिक्स के इफेक्ट को भी शरीर से बाहर निकाल फेंक देता हैं.
बालों के लिए फायदेमंद
Triphala में एंटी फंगल गुण होते हैं जो हमारे स्कैल्प को मुलायम बनाता हैं, डैंड्रफ को हटाता है और हेयर फॉल को भी कम करता हैं। Triphala को बालों पर भी किसी आयुर्वेदिक शैंपू मे मिलाकर लगा भी सकते है.
( घर पर ही बनाए आयुर्वेदिक शैम्पू )
कैसे इस्तेमाल करें त्रिफला
शुरुआत में आधे चमच से triphala का उपयोग कर सकते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि त्रिफ़ला सेवन रात में करने से ये रेचक हो जाता हैं याने कांस्टिपेशन बहुत ज्यादा है, बॉडी को डिटॉक्सिफाई करना है तो रात को सोने के एक घंटे पहले गुनगुने पानी के साथ आधा चमच लेकर सो जाएं। रात में जैसे ये रेचक हो जाता है सुबह पोषक हो जाता है। सुबह लेने पर लगभग एक घंटे तक इसके उपर कुछ नहीं लेना. इसके अलावा बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए दो ग्लास पानी मे एक चमच त्रिफला को रात भर रख दे फिर सुबह उस पानी को अच्छेसे उबाले फिर छान कर गुनगुना होने पर पी लें
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