liverdetox – लिवर को साफ कैसे करे?

liverdetox

जैसे घर को ठिक से चलाने के लिए घर के मुखिया कि जरूरत होती है, अगर घर का मुखिया हि अस्वस्थ या बिमार पड़ जाय तो पूरा घर हि बिखर जाता है, वैसे हि हमारे liver का होता है अगर लिवर हि अस्वस्थ हो जाय तो पूरा शरीर हि अस्वस्थ हो जाता है | क्यू कि लिवर हि है जो हमारे शरीर का ध्यान रखता है, अगर लिवर हि बिमार पड़ जाय तो पूरा शरीर हि कमजोर हो जाता है, अगर इसका ठिक से खयाल रखा जाय तो ये हमारा खयाल रखता है, लेकीन आज कि इस भागा दौड़ी कि जिंदगी में लिवर को स्वस्थ बनाए रखना उतना ही कठीन होते जा रहा है | जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, धुम्रपान, अल्कोहल, ऑक्सीजन मे फैले प्रदुषण, पानी कि घसरती जा रही गुणवत्ता इन सब के कारण लिवर अधिक कमजोर होते जा रहा है, जिसके कारण शरीर भी कमजोर होते जा रहा है, भूख ना लगना, शरीर मे आलस्य रहना, बालो का झड़ना या उमर के पहले ही सफेद हो जाना आदी जैसी समस्या लिवर के कमजोर होने से बढ़ती जा रही है |

बॉडी का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ऑर्गन जो है वो लिवर है, लिवर को दूसरा ब्रेन भी कहा गया है, इसीलिए इसको पॉवर हाउस ऑर्गन कहा जाता है , यू कहो तो इसको बॉडी का बॉडीगार्ड भी कहा जाता है , क्यू कि लिवर हि शरीर को क्लीन रखता है, डिटॉक्स करता है, डेड सेल्स को शरीर के बाहर निकालने का काम करता है , अगर आपने बॉडीगार्ड को हि कमजोर कर दिया उसको ओवर बर्डन काम दिया तो वो दिक्कत पैदा करेगा हि करेगा, सबसे ज्यादा दिक्कत कोई पैदा करता है तो वो है शराब ( अल्कोहल ) पहले तो माना हि यह ज्याता था कि शराब के कारण हि लिवर या किडनी प्रभावित हो रहे है लेकीन अब तो ऐसे भी केसेस सामने आ रहे जो नॉन अल्कोहोलिक है जिन्होंने कभी शराब को हाथ भी नही लगाया, तो ये हो रहा है खाने के कारण जिन्हे non alcoholic lever disease कहा गया है, non alcoholic lever diseases होता है ओवर खाने के कारण, जंक फूड खाने के कारण, ज्यादा तला हुआ खाने के कारण, पैकेज्ड फूड खाने के कारण, ज्यादा किया गया रिफाइंड तेल, या सफेद चीनी के कारण, अगर शरीर को जरूरत नही होते हुए भी अगर हम खाना खाते हैं तो ऐसे मे भी वो लिवर मे दिक्कत पैदा कर सकता है क्यू कि उसको जरूरत नही होते हुए भी अगर उसको खाना खिलाया जाय तो ओवर बर्डन के कारण लिवर दिक्कत पैदा कर सकता है, इसलिए आयुर्वेद मे हफ्ते मे एक बार फास्टिंग (उपवास) करने के लिए कहा गया है.

liverdetox by fasting

इसमे सबसे पहले उस मेडिसिन के बारे मे बात करते है जिसे आयुर्वेद मे सबसे पहले प्रावधान दिया गया है जिसको सबसे बेस्ट और सुरक्षित दवा कहा गया है, इसको करने में आपका 1रुपया भी खर्च नही होगा और लाभ ढेर सारे, वो है फास्टिंग याने के उपवास, जी हां उपवास एक मात्र ऐसी रेमिडी है जिसको करने से लिवर हि नही बल्कि पूरी कि पूरी बॉडी हि स्वस्थ और प्रसन्न रहती है अगर इसको हफ्ते मे ऐक बार या 15 दिन में या महीने मे भी ऐक बार कर लिया तो ये आपके लिवर को नही बल्कि पूरा शरीर ही स्वस्थ बनाए रखता है. जैसे हम शरीर को आराम देने के लिए हफ्ते मे ऐक बार छुट्टी लेते हैं, अगर वैसे ही ऐक दिन पेट को आराम दिया जाय तो ये दुनिया के किसी औषधियों में से कम नहीं.

liverdetox by हल्दी 

हल्दी का सेवन अगर रोज किया जाय तो ये एक चुटकी हल्दी लिवर के फैट को काटने का काम करती है, क्यू कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी होती है, इसमें बहूत पावरफुल कंपाउंड होता है कर्कमिन, कर्कमीन लिवर के सेल्स को हेल्थी बनाया रखता है, लिवर फंक्शन को मजबूत बनाता है और लिवर डैमेज को भी रिपेयर करता है. क्यू कि हल्दी मे एंटी कैंसर्स के गुण होने के कारण ये लिवर कि पूरी तरह से सफाई करती हैं.

Liverdetox by आमला

आमला विटामिन सी से रिच होता है, एंटी ऑक्सीडेंस भी इसमें बहोत होता है, ये टॉक्सिंस को शरीर के बाहर निकालने का काम करता है, ये लिवर के साथ साथ स्किन को भी हेल्थी बनाए रखता है.

liverdetox by नींबू

नींबू विटामिन सी और विटामिन बी से रिच होता है, क्यू कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और फोलिक एसिड होने के कारण ये अल्कोहोल से होने वाले दुष्परिणाम को भी कम कर देता है, नींबू के एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण ये पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखता है, जिससे लिवर के डैमेज सेल्स को भी ये रिपेयर करता है. लिवर के फंक्शंस को भी बढ़ाता है.

liverdetox by रेड ग्रेप्स

रेड ग्रेप्स, लिवर को स्ट्रांग बनाएं रखने मे सबसे ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट रेड ग्रेप्स में होते हैं, ये ना सिर्फ लिवर के इन्फ्लेमेशन को कम करता है बल्की डैमेज सेल्स को भी रिपेयर करता है, non alcoholic lever disease वाले पेशेंट को तो इससे बढ़िया दवा हो हि नहि सकती.

liverdetox by गन्ने का जूस

गन्ने का जूस अगर रेगुलर 15 दिन पिया जाय तो ये लिवर को मजबूत स्ट्रेंथ देता है, डॉक्टर्स भी पीलिया (जोंडिस) मे गन्ने के जूस को रिकमेंड करते है, क्यू कि इसमें फ्लेवेनाइड एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, गन्ने का रस से पोटेशियम रिच होता है जिससे शरीर मे इलेक्ट्रोलाइट्स मेंटेन रहता है | जिससे लिवर को ठिक से काम करने मे मदत मिलती है इसको पीने का सबसे अच्छा टाईम जो होता है वो या तो खाली पेट या फिर खाना खाने के देड घंटे बाद का होता है.

जितने भी सिट्रस फ्रूट्स होते है जैसे नींबू, आमला, संत्रा, मोसंबी, गन्ना ये हमको जरूर खाने चाहिए क्यू कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी से ये भरपूर होते है.

liverdetox by कुटकी, 

कुटकी, जैसा नाम वैसा ही इसका स्वाद होता है खाने में कड़वी लेकीन liverdetox और लिवर से हिट निकालकर उसे ठंडा करने का काम करती है कुटकी में एंटी इनफ्लेमेटरी गुन होने के कारण ये लिवर संबंधित समस्याओं मे असरदार होती हैं, कुटकी मे कुटकिन और पिक्रोलिव जैसे ऐंजाईम होते है जो लिवर के फंक्शंस को बेहतर बनाती है | कुटकी शरीर से विषैली पदार्थो को बाहर निकालने मे बहोत असरदार होती है कुटकी के सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है. कुटकी को पाउडर के रूप मे ऐक चमच शहद के साथ दिन में तिन बार या फिर ऐक ग्लास पानी मे उबालकर खाली पेट लेने से लिवर कि समस्या कम होती है,और liverdetox होता है |

गाजर और बिटरूट (चुकंदर) का जूस खाना खाने के 2 घंटे बाद लेने से liverdetox होता है.

liverdetox by गिलोय

गिलोय में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमेटरी सबसे ज्यादा मात्रा मे पाए जाते हैं जो हमारे रोग प्रतिकारक शक्ति को मजबूत बनाए रखने मे सबसे ज्यादा मदत करता है और लिवर संबंधित दिक्कतों में ये असरदार होती है

भूमि आमला डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारता है लिवर के इन्फ्लेमेशन मे आराम देता है लिवर के फंक्शन को बढ़ाता है, पेट के इन्फेक्शन को रोकता है.

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