Ashwagandha का नाम आपने कई बार सुना होगा, अखबारों में या टीवी विज्ञापनों में. अश्वगंधा को आयुर्वेद के रसायनों में सर्वोत्तम रसायन कहा जाता हैं। अश्व याने घोड़ा और गंध याने खुशबू जिसमे से घोड़े जैसी खुशबू आती हैं, घोड़े जैसी ताकत बढ़ाता है अश्वगंधा, इससे रोग प्रतिकरक शक्ती मजबूत होती है, शारीरिक समस्याएं दूर होती, शारीरिक बल बढ़ता है.
अश्वगंधा के फायदे ( Benefits of Ashwagandha in Hindi )
तानव कम करता है
अश्वगंधा दिमाग की पॉवर को बढ़ता हैं, ashwagandha एडॉप्टोजेन कैटेगरी का एक हर्ब है। जो अक्सर तानव में उत्पन्न होने वाले कोर्टिसोल की स्तर को कम करके शरीर को तानव से लड़ने के लिए तैयार रखता हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया कि तानव से परेशान लोगों को लगातर 8 हफ़्ते तक ashwagandha दिया गया तो परिणाम स्वरूप कोर्टिसोल लेवल काफ़ी कम देखने को मिले, स्ट्रेस कम हुआ तो ashwagandha बीपी और हार्ट की समस्याएं कभी नहीं होने देता. अश्वगंधा मूड को रेग्यूलेट करने वाले गाबा केमिकल उकसाता है, जिससे की तानव में बढने वाली हार्ट रेट को भी बढ़ने नहीं देता.
गहरी नींद के लिए फायदेमंद
कई अध्ययन में पता चला की ashwagandha लेने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती हैं, डिप स्लीप लाने में अश्वगंधा बेहतर काम करता हैं। नींद में एक तरीक़े की उपचारात्मक ताकत होती हैं, जो शरीर को रिजुनिवेट करता हैं, ऊर्जावान बनाता हैं। अगर एक छोटे बच्चे की तरह नींद चाहिए तो अश्वगंधा बेहतर मदद कर सकता हैं। इसके रेगूलर सेवन से कोर्टिसोल कम होगा, तनाव कम होगा, एक अध्ययन में पाया गया कि इंसोमेनिया में 60 दिन लगातर अश्वगंधा देने से एंजाइटी मे लगभग 70% रिडक्शन देखा गया.
हेल्थ टॉनिक
किसी भी तरह की सुस्ती हो, आलस्य हो, थकान हो उसको पावरफुली कम करता है ashwagandha, बॉडी की स्ट्रेंथ को बढ़ाता हैं, स्टैमिना को इंप्रूव करता हैं। शरीर मे आए कमजोरी को भर के निकालता हैं। कई अध्ययन में यह पाया गया कि अश्वगंधा VO2 max (maximum oxygen consumption) को बढ़ाता हैं। VO2 max स्वास्थ, प्रदर्शन और दीर्घायु से जुड़ा हुआ है। रनिंग करने से, कार्डियोवस्कुलर करने से अक्सर ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता हैं। अश्वगंधा ऑक्सीजन की लेवल को शरीर में बेहतर रूप से टिकाए रखता हैं। हृदय, फेफड़े, मांसपेशियों की संचार प्रणाली के कोशिकाओं को बेहतर बनाता हैं VO2 max. VO2 max जीतना बेहतर होगा उतना ही कठिन व्यायाम बिना थके महसूस किए किया जा सकता है। VO2 max बढ़ जाए तो दिल की बिमारी नही होगी, अश्वगंधा दिल के स्वास्थ के लिए फायदेमंद है.
डायबिटीज नियंत्रित करता है
Ashwagandha ब्लड शुगर लेवल को कम करता हैं, अश्वगंधा मे WITHAFERIN A नाम का कंपाउंड होता हैं, यह कंपाउंड एक तरह का नैचुरल स्टीरॉयड है जिसमे एंटी इनफ्लेमेटरी, एंटी कैंसर्स और एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती हैं , जो इंसुलिन लेवल को बढ़ाता हैं और ब्लड शुगर लेवल को भी बेहतर करता हैं.
टेस्टोस्टेरोन और वीर्य वर्धक
आज अधिकतर लोग इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से परेशान है, Low sperms count और इनफर्टिलिटी से, और अश्वगंधा को आयुर्वेद मे सर्वोत्तम शुक्र धातु वर्धक रसायन कहा गया है जो इफेक्टिवली टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता हैं और स्पर्म की क्वॉलिटी और क्वांटिटी दोनों को बढ़ाता हैं। Ashwagandha के नियमित सेवन से DHEA ( dehydriepiandrosterine ) नाम का हार्मोन बढ़ना शुरू होता हैं, और जीतना ये बढ़ता हैं उतना ही टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता हैं। अश्वगंधा के नियमित सेवन से किसी भी प्रकार की यौन दुर्बलता मे लाभ मिलता है.
एंटी ऑक्सीडेंट
ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को कम करने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज की ज़रूरत होती हैं, जो कि बहुत पॉवरफुली ashwagandha से मिलते है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि अश्वगंधा के रेगुलर सेवन से आर्थराइटिस और साइटिका के परेशानी से काफ़ी आराम मिला, इन्फ्लेमेशन कम होने लगी.
दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाता हैं
एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिनको दिमाग से जुड़े काम होते है उनको 60 mg की डोज दी गई 8 हफ़्ते तक तो उनकी मेमोरी पॉवर काफ़ी बढ़ गई, ashwagandha हमारे कॉग्निटिव फंक्शंस को काफी हद तक बढ़ाता हैं। ध्यान को केंद्रित करने वाली कार्यक्षमता की प्रणाली को बढ़ाता हैं.
लिवर के लिए फायदेमंद
अश्वगंधा लिवर की सूजन को कम करता हैं, लिवर के फंक्शंस को इंप्रूव करता हैं। लिवर कि एक कार्य प्रणाली होती हैं की लिवर शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालता हैं, लेकिन कई बार अनाब शनाब खाने से या मद्यपान करने से लिवर की कार्यक्षमता धीरे धीरे कम होने लगती हैं, अश्वगंधा लिवर कि उस कार्यक्षमता को बढ़ा देता हैं.
एंटी कैंसर्स
शोधकर्ताओं ने अपने संशोधन मे यह पाया की अश्वगंधा में कैंसर को मात देने वाले कई गुण होते है। अश्वगंधा लेने से ज़्यादातर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते लेकिन अश्वगंधा ज्यादा मात्रा मे लेने से कांस्टिपेशन की समस्या भी हो सकती हैं। आयुर्वेद मे अश्वगंधा को वात और कफ नाशक कहा गया है, वात और कफ से होने वाले दुष्प्रभाव को दूर रखता है अश्वगंधा.
प्रयोग विधि
(1) बल वर्धन या शुक्राणु के लिए अश्वगंधा का उपयोग कर रहे है तो एक चमच देसी घी में आधा चमच अश्वगंधा को धीमे गति के आंच पर गरम करें एक ग्लास गुनगुने दूध के साथ सेवन करें. इसका सेवन सुबह, शाम दोनों समय कर सकते है.
(2) मानसिक समस्या, अनिद्रा या दिमाग के कॉग्नेटिव फंक्शंस के लिए रात में सोने के आधा घंटा पहले गुनगुने दूध के साथ आधा चमच अश्वगंधा का सेवन करें.
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