Brisk Walking का मतलब है, ना तो धीरे चलना और ना ही दौड़ना, यह चलने और दौड़ने के बीच की स्थिति होती हैं। धीरे से थोड़ा ज्यादा और दौड़ने से थोड़ा कम के बीच की स्थिति यानी ब्रिस्क वॉकिंग होती है। ब्रिस्क वॉकिंग से वजन कम होता हैं, दिल स्वस्थ रहता है। ब्रिस्क वॉकिंग से सर से लेकर पैर तक कई लाभ मिलते है.

फेफड़े को स्वस्थ रखे
तेज चलने से हमारा शरीर ऑक्सीजन को ज्यादा एब्जॉर्ब करता है जिससे लंग्स के अंदर के टॉक्सिंस न्यूट्रलाइज होकर बाहर निकलते है। ब्रिस्क वॉकिंग करते समय शरीर मे ऑक्सीजन का संचार ज्यादा मात्रा मे होने लगता हैं जिससे लंग्स की धमनियां थोड़ी बड़ी होकर ब्लड सर्कुलेशन को इम्रूव करती है, और दिल के मसल्स को मजबूत बनाके लंग्स की कैपेसिटी को बढ़ाती हैं। जिससे हार्ट डीजीस होने का खतरा काफी कम हो जाता है। ब्रिस्क वॉकिंग करने से सीजनल बीमारियां जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी का असर अन्य लोगों के मुकाबले कम होता है.
पाचन शक्ति को मजबूत होती है
Brisk Walking से हमारे इंटेस्टाइन की पैरास्टलिक मूवमेंट तेज होती है, जिससे हमारे खाने से आवश्यक पोषक तत्व को निकालके बाकी खाने को मल के माध्यम से बाहर निकाल देती है। पैरास्टलिक मूवमेंट यदि बढ़ गई तो मेटाबोलिज्म भी बेहतर हो जाता हैं। आंतों की क्षमता बढ़ाने के लिए वॉकिंग सबसे कारगर तरीका है.
कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ मे
एक अध्ययन मे यह पाया गया कि रोज तेज चलने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा काफी कम हो जाता है। ब्रिस्क वॉकिंग आर्टरीज मे खून को जमने नही देता जिससे आर्टरीज मे ब्लड सप्लाई तेज होती है। ब्रिस्क वॉकिंग बॉडी मे एलडीएल जो कि एक खराब कोलेस्ट्रॉल होता हैं जो नसों को नैरो करता हैं जिससे हार्ट अटैक होने की संभावनाएं अक्सर बढ़ जाती है। पैदल चलने से एचडीएल जो कि एक गुड कोलेस्ट्रॉल होता है वो बॉडी मे बना हुआ रहता है और एलडीएल का स्तर कम हो जाता है। Brisk Walking खून मे बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालकर गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और दिल को स्वस्थ बनाएं रखता है.
डायबिटीज को होने नहीं देता
भारत को डायबिटिक का कैपिटल कहा जाता है ब्रिस्क वॉकिंग डायबिटीज को नियंत्रित मे रखने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। रोज तेज चलने से शुगर लेवल को नियंत्रण मे रखने के लिए काफी फायदेमंद होता है। अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन के एक अध्ययन अनुसार ब्रिस्क वॉकिंग ना सिर्फ ब्लड शुगर लेवल को कम करती हैं बल्कि भविष्य में होने वाले डायबिटीज के खतरे को भी कम करती है। चलने से हमारा शरीर इंसुलिन को बेहतर तरीके से काम करती है.
स्ट्रेस को कम करती है
एक्सपर्ट के अनुसार रोजाना ब्रिस्क वॉकिंग करने से दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है, रोज चलने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है और दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति जाती है और मानसिक तनाव एवं एंग्जाइटी के लिए फायदेमंद भी होता है। तनाव मे हमारी बॉडी कुछ निगेटिव केमिकल्स जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है जो सीधा हमारे दिमाग पर असर डालती हैं, लेकिन Brisk Walking करने से निगेटिव केमिकल्स उतना नुकसान नही पहुंचा पाते। एक संशोधन करता के अध्ययन मे यह पाया गया कि पैदल चलने से हमारे बॉडी मे एंडोर्फिन पहले के मुकाबले ज्यादा सक्रिय हो जाते है जो हैप्पीनेस और सेटिस्फेक्शन का अहसास देते है और नेगेटिव विचारों को दूर करते है.
लचीलापन बढ़ता हैं
बढ़ती उम्र के साथ साथ हमारी बॉडी में वात और रूखापन बढ़ने लगता है। इसके अलावा हड्डियां कमजोर होने लगती है हड्डियों के अंदर से ऑयल कम होने लगता है, हड्डियों कि चिकनाई कम होने लगती हैं, स्टीफनेस और सूजन बढ़ने लगती है। रोजाना चलने से लिगामेंट्स में प्रॉपर लुब्रिकेशन बना हुआ रहता है। वॉक करने से बोन डेंसिटी हाइ होती है.
इंसोमेनिया मे ब्रिस्क वॉकिंग
Brisk Walking हमारे मेलाटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है जो अच्छी नींद आने के लिए सबसे जरूरी केमिकल होता है.
कैंसर को मात देता है
एक्सपर्ट की माने तो सेडेंटरी जीवन शैली यानी सुस्त जीवन यह कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। रोजाना चलने से कैंसर होने का खतरा भी कम हो जाता है.
मोटापा कम करता है ब्रिस्क वॉक
ब्रिस्क वॉकिंग वज़न घटाने में और बैली फैट कम करने में काफी मददगार साबित होता है। रोज थोड़ी देर चलने से मसल्स लिन और फ्लेक्सिबल बनते है जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होने लगती हैं.
रोग प्रतिकारक शक्ति मजबूत होती है
ब्रिस्क वॉकिंग से रोग प्रतिकारक शक्ति पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाती है, हमारे शरीर मे दो तरह के लिम्फोसाइड्स होते हैं जो वायरस से लड़ते है एक हैं टी सेल्स और बी सेल्स, इसमें से बी सेल्स यह एंटी बॉडी मॉलिक्यूल को प्रोडयूस करते है जिससे किसी भी प्रकार के वायरसेस और बैक्टेरिया से लड़ सकते है। जिन लोगों को गठिया, घुटने की दिक्कत होती है उन्हें ब्रिस्क वॉकिंग करने से बचना चाहिए.
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