Intermittent Fasting एक ऐसी प्राचीन परंपरा जो लगभग हर धर्म के संस्कृति का एक हिस्सा है। उपवास एक ऐसी हीलिंग साइंस जो सिद्ध हुआ तरीका है कि ये कैंसर तक को मात दे सकता है.

उपवास से मिलने वाले फायदे – Benefits Of Intermittent Fasting
जब हम खाली पेट होते है तो हमारे बॉडी कि एनर्जी अधिकतम स्तर पर हमारे बॉडी के लिए काम कर रही होती है। मेडिकल साइंस यह कहता है कि हमारी नींद हमे रिचार्ज करती है, हमारे ग्रोथ मे हमे मदद करती है। लेकिन जापान के नोबेल पुरस्कार विजेता साइंटिस्ट योशिनोरी ओहसुमी ने यह पाया कि इस नींद के अलावा भी एक और ऐसी सुपर पावर है, जो हमारे हिलिंग के प्रोसेस को बढ़ाती है। हमारी ग्रोथ करने मे फायदेमंद होती है। हम जो खाना खाते है कई बार उसे पचाने मे शरीर को काफी एनर्जी खर्च करने पड़ती है। कई बार खाने को पचने मे 8 से 10 घंटे तक का भी समय लगता है जिससे हमारी बॉडी कि जो एनर्जी है वो डाइजेशन के प्रक्रिया में ही खर्च होती है। एक दिन का उपवास जिसे लगभग 24 घंटे के उपवास मे जाना जाता है। जो लोग 24 घंटे कि फास्टिंग कर सकते है वो इसे पानी पे करे, पानी पर नही कर सकते तो ज्यूस पर करे अगर ये भी नही कर सकते तो फ्रूट्स पर फास्टिंग करे। डॉक्टर योशिनोरी ओहसुमी बताते है कि हमे खाने मे 8 घंटे का अंतर जरूर रखना चाहिए यानी बाकी जो बचे 16 घंटे होते है उसे ही इंटरमीटेंट फास्टिंग (intermittent fasting) कहा जाता है। उपवास कैंसर के सेल्स को नैचुरली कम करते है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से अल्जाइमर और पार्किनसन्स न्यूरो जैसी डिजीजेज को भी रोका जा सकता है। फास्टिंग बॉडी मे नए सेल्स को फिर से बनाते है, जिससे एजिंग कि प्रोसेस स्लो होती है। फास्टिंग हमारे कमजोर इम्युनिटी को भी बूस्ट करती है.
1. फैट लॉस करती है फास्टिंग
हमारी बॉडी खाने से मिलने वाली कैलोरी से चलती है और जो बची कैलोरी होती है बॉडी उसे फैट के रूप मे स्टोर कर लेती है। फास्टिंग से या इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बॉडी को खाना नही मिल पाता जिससे बॉडी उसी स्टोर्ड कैलोरी को एनर्जी के रूप मे खाने लगती है जिससे फैट लॉस करने मे मदद मिलती है.
2. शुगर लेवल कम करती है फास्टिंग
उपवास करने से इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होता है और इंसुलिन कि संवेदनशीलता बढ़ती है। जिससे शरीर इंसुलिन को ज्यादा प्रभावी रूप से उपयोग कर पाता है। जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। यदि डायबिटीज नही भी है तो ये इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी मदद कर सकती है प्री डायबिटीज से बचने के लिए.
3. हार्ट को स्ट्रॉन्ग बनाती है फास्टिंग
फास्टिंग हमारे हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने मे मदद करती है। फास्टिंग से हमारी लिपिड प्रोफ़ाइल बेहतर होती है जिससे हमारा हार्ट स्वस्थ बना रहता है। हमारे शरीर मे जब बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है तो वो आर्टरीज मे प्लाक बनाने लगता है। अगर हम फास्टिंग या इंटरमिटेंट फास्टिंग करते है तो बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम होने लगता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ने लगता है। यदि हम खाने के प्रोसेस को आराम नही देते तो बॉडी उस कैलोरीज़ को ट्राइग्लीसेराइड मे बदलने लगती है, जिससे कि ये ट्राइग्लीसेराइड आर्टरीज मे प्लाक बनाने लगती है। ऐसे मे फास्टिंग करने से हमारी बॉडी उस ट्राइग्लीसेराइड को खाने लगती है और इससे हार्ट ब्लड को प्रभावी रूप से पंप करता है। जिससे दिल कि सेहत मे भी सुधार होता है.
4. उम्र बढ़ाती है फास्टिंग
फास्टिंग इंटेस्टाइन मे बचे हुए खाने को इस्तेमाल करती है। जिससे खाना डाइजेस्ट होता है। और फिर बॉडी नए सेल्स को बनाने के लिए डैमेज और डेड सेल्स को खाकर शरीर के बाहर निकालती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से बॉडी को ज्यादा समय मिल पाता है खाने को पचाने मे जिससे बॉडी पर जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस के कारण इन्फ्लेमेशन होता है वो भी कम होता है। खाने को डाइजेस्ट करने के लिए बॉडी को जितना ज्यादा समय मिलता है उतना ही उसके न्यूट्रिएंट को बॉडी एब्जॉर्ब कर पाती है। जिससे ना सिर्फ स्किन यंग होती है बल्कि सेल्युलर फ़ंक्शन और दीर्घायु भी बढ़ती है.
5. कैंसर का खतरा कम करें फास्टिंग
कैंसर का सबसे बड़ा कारण इन्फ्लेमेशन होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस के कारण होता है। यह इंटरमीटेंट फास्टिंग ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को भी कम करती है। Fasting टॉक्सिंस और डेड सेल्स को बाहर निकालती है.
6. मानसिक स्वास्थ्य मे लाभकारी
Intermittent fasting हमारे ब्रेन को न्यूरो इफेक्टिव प्रोटेक्ट देता है। जिससे न्यूरो डीजीसेस कम होते है। अगर आप कमजोर है तो फास्टिंग बिलकुल मत कीजिए क्योंकि आपको इससे चक्कर आने लगेंगे, लेकिन आप कमजोर नही है, आपको फैट रिड्यूस करना है तो intermittent fasting जरूर करें.
कौन नही कर सकता फास्टिंग
• प्रेगनेंट महिलाओं को नही करना चाहिए
• ब्रेस्ट फीडिंग महिलाएं नही कर सकती
• अंडरवेट ओर वीक लोगों को नही करना चाहिए
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