How to consume Curd: दही सेहत के लिए जितनी फायदेमंद होती है उतनी नुकसानकारक भी हो सकती है। यदि इसका सेवन सही तरीके से नही किया गया। जाने आयुर्वेद के अनुसार दही खाने का सही समय और तरीका

How to consume Curd: दही को खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है। कई लोगों को खाने के साथ दही को खाना पसंद करते है तो कही लोगों को दही की लस्सी, छाछ, रायता पसंद करते है। दही खाने मे जितनी स्वादिष्ट होती है सेहत के लिए उतनी फायदेमंद भी होती है। दही विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड और लैक्टिक एसिड जैसे कई अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है। जो हमारे शरीर को कई तरह से स्वस्थ बनाएं रखने मे सहायता करती है। दही का सेवन हमारे शरीर को कई तरह से लाभ प्रदान करती है। दही एक नैचुरल प्रोबायोटिक होती है, जो गट मे गुड बैक्टेरिया को बनाने मे काफी मदद करती है। जिसके रेगुलर से पाचन दुरुस्त रहता है और हड्डियां मजबूत बनती है। दही के नियमित सेवन से शरीर को कई प्रकार के जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिलते है जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने मे मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार दही तासीर मे गर्म होती है। जिसको गलत ढंग से खाने से शरीर को नुकसान भी कर सकती है। इसी जानकारी के अभाव के कारण हम दही का सही से सेवन नही करते है और शरीर को नुकसान पहुंचाते है। दही के सेवन से किसी प्रकार का नुकसान न हो इसलिए आयुर्वेद मे इसके कुछ नियम बताए गए है। जानते है दही को खाने के फायदे, सही समय और तरीका
दही से मिलने वाले फायदे (benefits of curd)
1. पोषक तत्वों से भरपूर दही
दही कई जरूरी विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होती है। दही(curd) प्रोटीन का एक नैचुरल स्त्रोत है जो मसल ग्रोथ और मसल रिपेयर करने मे काफी मदद करती है। दही मे विटामिन बी12 होता है जो डीएनए को रिपेयर करने के लिए काफी जरूरी विटामिन होता है। जो हमारे ब्लड सेल्स को, नर्व सेल्स को हेल्दी रखने के लिए काफी जरूरी होता है। शाकाहारी लोगों को बी12 का काफी अच्छा स्त्रोत है दही।
2. डाइजेशन के लिए फायदेमंद
दही(curd) डाइजेशन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। दही पाचन शक्ति को मजबूत करने मे काफी मदद करती है। हमारे गट मे ट्रिलियंस के संख्या मे माइक्रोब्स सेल्स होते है जिन्हें हम गुड बैक्टेरिया कहते है। इम्यून सिस्टम मजबूत करने मे, वायरस से लड़ने के लिए, हार्मफुल बैक्टेरिया को कम करने के लिए, गट की सूजन को दूर करने के लिए काफी जरूरी होते है ये गट के बैक्टेरिया जो दही से हमे मिलते है।
3. मानसिक स्वास्थ्य मे लाभकारी
दही प्रोबायोटिक का एक सबसे बढ़िया स्त्रोत है। और कई स्ट्डीज ये बताती है की ये प्रोबायोटिक्स डिप्रेशन, तनाव और एंजाइटी को कम करने मे काफी मदद करते है। गुड बैक्टेरिया ये हमारे गट मे न्यूरो ट्रांसमीटर के प्रोडक्शन को बढ़ाते है। ये(curd) गुड बैक्टेरिया सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाते है जो हमारे हैप्पीनेस के लिए बहुत जरूरी होता है। हमारे पूरे शरीर का स्ट्रेस कंट्रोल करता है गुड बैक्टेरिया जो हमे दही से आसानी से मिल सकता है।
4. रोगप्रतिकार शक्ति को बढ़ाती है दही
दही के प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टेरिया हमारे इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करते है और इम्यून सेल्स के प्रोडक्शन को भी बढ़ाते है। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होती है।
5. कैल्शियम को बढ़ाती है
दही मे कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जिसके नियमित सेवन से बोन डेंसिटी मे काफी मदद मिलती है।
6. वज़न को नियंत्रित रखता है
दही वजन बढ़ाने मे और वजन को कम करने मे दोनों मे ही काफी मदद करता है। अगर वजन बढ़ाना है तो ज्यादा फैट वाला दूध यानी भैंस की दही को खाना है और वजन कम करना है तो डबल टोन्ड दूध की दही(curd) का सेवन करना चाहिए।
7. दिल के सेहत के लिए
दही हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। दही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए काफी सहायता करती है। दही मे पानी की मात्रा भरपूर होती है जो हमे दिन भर हाइड्रेट रखने मे काफी फायदेमंद होती है।
8. स्किन और बालों के लिए
दही मे एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज होती है जो हमारे स्किन को रिंकल फ्री बनाती है। दही हमारे स्किन को मॉइश्चराइज करती है। आयुर्वेद के अनुसार दही को रोज नहीं खाना चाहिए खासकर गर्मियों मे क्योंकि की दही की तासीर गर्म होती है।
दही को कब और कैसे खाना चाहिए (when and how to eat curd)
• दही को रात मे नही खाना चाहिए रात को दही कफ को बढ़ाने का काम करती है।
• दही मे नमक और चीनी नही मिलानी चाहिए क्योंकि नमक और चीनी दही का गुड बैक्टेरिया को खत्म कर देते हैं।
• खट्टे फलों के साथ दही को कभी नहीं खाना चाहिए
• सीधे फ्रिज से निकली दही को कभी नहीं खाना चाहिए
• तली हुईं चीज़ों के साथ दही नही खानी चाहिए
• आयुर्वेद के अनुसार दही को साबुत कभी नही खाना चाहिए इसमें हमेशा दालचीनी पाउडर, जीरा पाउडर या सोंठ पाउडर को मिलाकर ही लेना चाहिए
किसे नही लेना दही (who should not take curd)
• गठिया रोगियों को दही का सेवन नही करना चाहिए
• आर्थराइटिस वाले लोगों को दही नही लेना चाहिए
• अस्थमा के रोगियों को दही का सेवन नही करना चाहिए
• जोड़ो मे दर्द हो उनको दही का सेवन नही करना चाहिए
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