Prebiotics: क्या है प्रीबायोटिक्स जाने इससे मिलने वाले फायदे और स्त्रोत के बारे मे

Prebiotics: प्रीबायोटिक्स पौधे से बनने वाला एक खाद्य पदार्थ होता है जिसमे फाइबर भरपूर मात्रा मे होता है। लेकिन इसके फाइबर को इंसान पचा नही पाता।

what is prebiotics
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1. क्या होता है प्रीबायोटिक्स – What is Prebiotics
प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स दोनों ही गट मे हेल्दी बैक्टीरिया बनाने के लिए जरूरी होते है। दोनों ही फाइबर से भरे हुए होते है जो पाचन को सुधारने मे मदद करते है। प्रोबायोटिक्स(probiotics) के मुकाबले प्रीबायोटिक्स हजम करने मे थोड़े कठिन होते है, यह ना पचने वाले कार्बोहाइड्रेट होते है, और ये फाइबर से रिच होने के कारण आंतों मे गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का काम करते है। प्रीबायोटिक्स ये प्लांट सोर्सेस से मिलने वाले खाद्य पदार्थ होते है। प्रीबायोटिक्स कॉप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते है और जिसमे फाइबर और रेसिस्टेंट स्टार्च ज्यादा मात्रा मे होता है ऐसे कई फलों और सब्जियों मे ये पाए जाते है। इन प्रीबायोटिक्स को शरीर पचा नही पाता इसलिए ये डाइजेस्टिव सिस्टम के माध्यम से अन्य बैक्टीरिया के लिए भोजन का एक जरिया बन जाते है। प्रीबायोटिक्स को डाइटरी फाइबर भी कहा जाता है।

2. किसे कहते है प्रीबायोटिक्स – What Are Prebiotics
प्रीबायोटिक्स को शरीर पचा नही पाता जिससे इसे नॉन डाइजेस्टिव खाद्य पदार्थ भी कहा जाता है। ये नॉन डाइजेस्टिव खाद्य पदार्थों को अन्य अच्छे बैक्टीरिया उपयोग करके उन्हें अपना खाना बनाकर अपना विकास करते है जिससे आंतों मे हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ने लगते है। प्रीबायोटिक्स शरीर मे हेल्दी बैक्टीरिया को प्रमोट करते है जिससे शरीर मे कैल्शियम का स्तर बढ़ने लगता है तथा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ मे भी बहुत सुधार होता है।

3. प्रीबायोटिक्स से मिलने वाले फायदे – Benefits Of Prebiotics
प्रीबायोटिक्स एक प्रकार का गुड बैक्टीरिया का भोजन होता है जिसे गुड बैक्टीरिया अपना खाना बनाकर खुद को विकसित और हेल्दी बनाते है। प्रीबायोटिक्स को शरीर पचा नही सकता जिसे अन्य बैक्टीरिया उपयोग मे लाके और भी ज्यादा हेल्दी हो जाते है जिससे गट मे गुड बैक्टीरिया की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है और गट को हेल्दी बनाए रखने मे और भी ज्यादा फायदा मिलता है। और यह बैक्टीरिया पहले के मुकाबले और भी ज्यादा हेल्दी हो जाते है। प्रीबायोटिक्स ना केवल गट के लिए बल्कि हेल्दी सेल्स के लिए और सेल्स को हेल्दी बनाए रखने मे भी बहुत जरूरी होते है। इसका उपयोग करके कोलोरेक्टल कैंसर और इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसी गंभीर समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

4. हड्डियों के लिए फायदेमंद प्रीबायोटिक्स
प्री बायोटिक कैल्शियम और आयरन के एब्जॉरपशन मे मदद करता है जिससे हड्डियां मजबूत बनी हुई है। प्रीबायोटिक्स ओस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करता है।

5. मोटापे से बचाता है
प्रीबायोटिक्स मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है जिससे वेट लॉस मे फायदा होता है और वजन को नियंत्रण मे रखा जा सकता है।
6. इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है
प्रीबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टेरिया को संतुलित करता है जिससे इन्फ्लेमेशन को कम करने मे मदद मिलती है और इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।
7. प्रीबायोटिक्स के से मिलने वाले अन्य फायदे – Other Benefits Of Prebiotics

* न्यूट्रीशन को एब्जॉर्ब करने के लिए फायदेमंद होता है प्रीबायोटिक्स
* डाइजेशन के लिए फायदेमंद होता है प्रीबायोटिक्स
* गुड बैक्टेरिया को हेल्दी बनाए रखने के लिए फायदेमंद होते है।
* प्रिबायोटिक्स से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है।
* पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहने के कारण बार बार खाने से बचा जाता है और वजन कम करने मे बहुत मदद मिलती है।
* इसमें कैल्शियम, मैग्नेशियम जैसे अन्य पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा मे होते है जिससे पाचन शक्ति को मजबूत करने मे काफी फायदा होता है।
* इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने मे बहुत मदद मिलती है।
* गुड बैक्टेरिया और बैड बैक्टेरिया का संतुलन बनाए रखते है।
* रोगप्रतिरोधक क्षमता को विकसित करते है।
* फाइबर रिच होने से बाउल मूवमेंट को बढ़ाता है।
* कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता है।
* मेटाबालिज्म को सुधारता है।
* प्रीबायोटिक्स आंतों की मूवमेंट को बढ़ाता है जिससे मल सॉफ्ट होता है।
* मल सॉफ्ट होने से क्लोन कैंसर से बचा जा सकता है।
* पाइल्स और फिशर को होने से रोका जा सकता है।
* गट लाइन सेल्स को सुरक्षित रखता है।
* प्रीबायोटिक शरीर मे मिनरल्स को एब्जॉर्ब करने मे मदद करते है।
* प्रीबायोटिक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल मे रखते है।
* तनाव और चिंता को कम करने मे लाभकारी होते है।

8. प्रीबायोटिक्स के स्त्रोत – prebiotics sources
प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स एक दूसरे से जुड़े होते है। प्रीबायोटिक्स को अपना खाना बनाकर गुड बैक्टीरिया खुद को हेल्दी बनाता है। इसलिए प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक दोनों का ही संतुलन बनाए रखना जरुरी होता है।

* प्याज और प्याज से बने आचार
* केले
* लहसुन
* सेब
* जामुन
* कोको
* अलसी
* हरि सब्जियां
* मटर और बीन्स
* ओट्स और नट्स
* मक्का
* बादाम
* सोयाबीन
* जौ
* गेहूं
* टमाटर
* अस्पारगस
* अटीचोक
* शतावरी

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