How to drink water: पानी अपने आप मे ही एक ऐसी औषधी है। जिसको पीने का अगर आपको सही समय और तरीका पता हो तो इससे आप कई रोगों को दूर कर सकते है।

पानी का सेवन कैसे करें? (How to drink water)
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए, शरीर से सारी गंदगी को बाहर निकालने के लिए, शरीर के सभी भागों मे ऊर्जा पहुंचाने के लिए और सभी अंगों तक जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाने के लिए पानी सबसे जरूरी होता है। डॉक्टर्स भी शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा मे पानी पीने की सलाह देते है। भीषण गर्मी हो या फिर चाहे कड़ाके की ठंडी पानी सेहत के लिए काफी जरूरी होता है। पानी के कमी से ना सिर्फ शरीर पर असर होने लगता है बल्कि इसके कमी से पाचन, किडनी, स्किन और कई अन्य प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। आयुर्वेद मे पानी पीने के कई नियमों के बारे बताया गया है। कई लोगों को खड़े होकर या एक सांस मे पानी पीने की आदत होती है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार पानी हमेशा बैठकर और घुट-घुट मे ही पीना चाहिए। इससे पानी शरीर के तापमान अनुसार, शरीर के हर हिस्से मे ठीक से पहुंच जाता है। आयुर्वेद के अनुसार यदि आप पानी का सेवन करते है, तो आपके सेहत को इसके कई फायदे मिल सकते है।
पानी को कैसे पीए? (How to drink water)
1. पानी को हमेशा घुट भर कर ही पीना चाहिए, तेजी से पानी पीने पर हमारी बॉडी उस पानी को यूरीन के जरिए बाहर फेंक देती है। तेजी से पानी पीने पर किडनी पर भी असर पड़ता है और बॉडी इसके जरूरी न्यूट्रिएंट को एब्जॉर्ब नही कर पाती।
2. पानी को हमेशा बैठकर ही पीना चाहिए। खड़े रहकर पानी पीने से किडनी पानी को सही ढंग से फिल्टर नही कर पाती जिससे बॉडी मे टॉक्सिंस जमा होने लगते है। खड़े से पानी पर शरीर मे वायु दोष बढ़ने लगता है।
3. प्लास्टिक बोतल के पानी को नहीं पीना चाहिए।
4. पानी पीते समय ग्लास को हमेशा जुबान को लगाकर ही पीना चाहिए।
पानी कितना पीना चाहिए? (How much water drink)
1. आयुर्वेद के अनुसार मौसम के अनुसार पानी का सेवन करना चाहिए।
2. एक दिन मे लगभग ढाई से तीन लिटर पानी पीना ही चाहिए।
3. यदि आप कोई शारीरिक कसरत करते है तो आपके लिए 4 लीटर पानी पीना जरूरी हो जाता है।
4. डेढ़ लीटर से कम पानी शरीर को डीहाइड्रेट कर देता है। इससे कम पानी कब्ज़ को बढ़ाता है। आयुर्वेद कहता है जब प्यास लगे तभी पानी को पीना चाहिए। यदि यूरिन का रंग डार्क (yellow) हो जाता है तो शरीर को ज्यादा मात्रा मे पानी की जरूरत होती है। लेकिन हम यदि 5 लीटर से अधिक पानी पीते है तो ऐसे मे किडनी का काम बढ़ जाता है जिसके ब्लड मे सोडियम के लेवल कम हो सकते है।
पानी कब नही पीना चाहिए? (When not drink water)
1. खाना खाने के तुरंत बाद पानी कभी नही पीना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद मे भोजन के तुरंत बाद पिए गए पानी को विष के समान माना गया है।
2. खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पाचन अग्नि मंद हो जाती है। जिससे डाइजेस्टिव ज्यूसेस ठीक से बन नही पाते, जिससे खून भी साफ होने मे या और भी डाइजेशन संबंधित समस्याएं हो सकती है।
3. खाने के तुरंत ही पानी पीने से खाना सड़ता है।
पानी को कब पीना चाहिए? (when drink water)
पानी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। सुबह उठते ही पानी पीने से शरीर को कई फायदे मिलते है। सुबह की लार पेट के लिए काफी जरूरी होती है। सुबह की पहली लार जब पानी के साथ पेट मे जाती है तो ये एसिडिक वातावरण को कम करके पेट को डिटॉक्स करता है। सुबह गुनगुना पानी पीने से पेट की समस्याएं धीरे धीरे दूर होने लगती है। एसिडिटी की यदि कोई समस्या हो तो नॉर्मल पानी ही पीए।
पानी कब नही पीए? (When not to drink water)
1. पेशाब करने के तुरन्त ही पानी नही पीना चाहिए।
2. कोई फल खाने के बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।
3. चाय के बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।
पानी कैसा पीना चाहिए? (How drink water)
1. एकदम ठंडा पीना कभी नही पीना चाहिए।
2. पानी हमेशा रूम टेंप्रेचर या मटके का ही पीना चाहिए।
3. नहाने के पहले या नहाने के बाद एक ग्लास पानी पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है।
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