Squats Sitting Benefits : उकड़ू मुद्रा जिसे अंग्रेजी मे इंडियन स्कॉटिंग (indian squats Sitting position) कहा जाता है। यह शौचालयों मे बैठने का एक बेहतरीन तरीका है। जिससे मल त्यागने मे आसानी होती है।

उकड़ू बैठने के फायदे (Squats Sitting Benefits)
उकड़ू बैठना (Squats Sitting) ये मालासन और उत्कटासन का एक बहुत अहम भाग है। दिल, दिमाग और पेट को हल्का करके हमें स्वस्थ बनाएं रखने का एक बहुत अच्छा तरीका है उकड़ू मुद्रा (squat sitting position), लेकिन आधुनिकीकरण के चक्कर मे हमने इसे छोड़ दिया और वात रोग, पित्त रोग, अपचन, घुटने खराब होना, कमर दर्द जैसी कई और परेशानियों का हम शिकार होते चले गए। पहले के लोग ज्यादातर इसी मुद्रा मे बैठकर अपना काम करते थे, महिलाएं भी इसी मुद्रा मे बैठकर घर का कोई काम करते वक्त, खाना बनाते समय या पोछा लगाते समय इसी मुद्रा (indian squating) मे बैठकर ही काम करती थी। इस मुद्रा मे बैठने से पेट पर दबाव पड़ता है जिससे मल त्यागने मे आसानी होती है। उकड़ू बैठने से (squat sitting position) पैर , घुटने और कमर की नाड़ियां मुक्त होने लगती है। पैर की नाड़ियों मे ब्लड सर्कुलेशन प्रॉपर होता है। जिससे पैरों मे लचीना पन बना रहता है। एड़ियों मे ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होने से लंबी उम्र तक भी पीठ, कमर ओर जोड़ो मे दर्द नही होता, पैरों की मजबूती बढ़ेगी, मांसपेशियां मजबूत होती है, पेल्विक एरिया स्ट्रांग होता है, डाइजेस्टिव सिस्टम मे सुधार होता है, पेट बाहर नही निकलेगा, वजन भी कम होगा साथ ही उकड़ू मुद्रा सभी पंच वायु को संतुलित करता है।
मल त्यागने मे आसानी
उकड़ू बैठकर मल त्यागने मे काफी मदद मिलती है। इस स्थिति मे बैठने से पेट पूरी तरह से साफ होता है। क्योंकि ऐसे बैठने से हमारे अंदरूनी अंग बिलकुल सही स्थिति मे आ जाते है, जिससे मल त्यागने मे आसानी होती है। और पेट पूरी तरह से साफ होता है। कई अध्ययन मे यह पाया गया की इस मुद्रा मे फ्रेश होने से मल अच्छेसे पास होने से कोलन कैंसर होने के चांसेज को भी कम करता है।
पेट के कैंसर के बचाता है
कब्ज़ की समस्या से परेशान रहने वाले लोगों मे कोलन कैंसर होने की संभावना लगभग अधिक होती है। यदि मल पूरी तरह से बाहर नही निकला तो वो अंदर ही सड़ने लगता है, जो बाद मे कोलन कैंसर का रूप धारण कर लेता है। उकड़ू मुद्रा (squat sitting) मे बैठने से मल पूरी तरह से बाहर निकल आता है जिससे कोलन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
बवासीर होने से रोकता है
जब हम उकड़ू बैठते है तब हमारे अंदरूनी अंगों पर दबाव बनता है जिससे हमारा रेक्टम एकदम सही स्थिति मे आ जाता है और मल त्यागने मे आसानी होती है। यदि मल बिना किसी दिक्कत के बाहर निकल जायेगा तो बवासीर होने का खतरा भी कम हो जाएगा।
कब्ज़ से बचाता है
इस मुद्रा मे बैठने से न सिर्फ मल त्यागने मे आसानी होती है। बल्कि इससे बाउल मूवमेंट मे भी सुधार होता है। अगर घुटने संबंधित कोई दिक्कत पहलेसे हो तो इस मुद्रा मे बैठने से आपको दिक्कत हो सकती है।
मूत्र त्याग करना (urinate)
उकड़ू मुद्रा (squating position) मे मूत्र त्यागने से ब्लैडर पर दबाव नही पड़ता जिससे हमारा ब्लैडर पूरी तरह से खाली होता है। जिससे किडनी और प्रोस्टेट की प्रॉब्लम नही होती है। इस मुद्रा मे पेशाब करने से ब्लैडर पूरी तरह से खाली हो जाता है, जिससे (UTI) यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती है।
महिलाओं के लिए फायदेमंद
महिलाएं अगर इस मुद्रा मे बैठकर हफ्ते दो बार भी घर पर पोछा लगाती है तो उनको पेल्विक एरिया और यूटरस एरिया मे काफी मदद मिलती है। इस स्थिति मे बैठने से (squating position) महिलाओं की यूटरस हेल्थ अच्छी बनी रहती है। मोनोपॉज, इनफर्टिलिटी और पीरियड्स मे कोई दिक्कत नही होती।
पाचन शक्ति मजबूत होती है
उकड़ू बैठकर खाना खाने से डाइजेशन मे काफी सुधार होता है। इस मुद्रा मे बैठने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। जिससे मांसपेशियों को काम करने मे और पाचन को सुधारने मे काफी सहायता मिलती है। सिर्फ 15 दिन ही इस मुद्रा मे खाना खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम मे सुधार होने लगता है।
कूल्हे की गतिशीलता
इस मुद्रा मे बैठने से कूल्हे मे लचीलापन आता है। जिससे कूल्हे की जकड़न कम होती है।
रीढ़ की हड्डियो के लिए फायदेमंद
ज्यादा देर तक उकड़ू बैठने से रीढ़ की हड्डियों मे काफी फायदा मिलता है। उकड़ू बैठने से रीढ़ की हड्डी धीरे-धीरे अपनी नॉर्मल स्थिति मे आने लगती है।
उकड़ू बैठने के अन्य फायदे (Other benifits of squatting position)
* उकड़ू बैठकर कच्ची हल्दी का टुकड़ा चबाने से कैंसर नही होता
* उकड़ू बैठकर अदरक चबाने से हार्ट अटैक नही होता
* उकड़ू बैठकर अदरक, हल्दी और लहसुन चबाने से किडनी फैल नही होती
* उकड़ू मुद्रा मे बैठने से वेरिकोज वेंस ठीक हो जाती है
* उकड़ू बैठकर पानी से एसिडिटी कम होती है
* उकड़ू बैठने से बवासीर की जोखिम कम होती है
* उकड़ू बैठने से पिंडलियों मे खून का संचार सही से होता है। जिससे पिंडलियों की मांसपेशियां मजबूत होती है
* उकड़ू बैठने से लिगामेंट्स मजबूत होते है
* वजन कम करने मे मदद मिलती है
* उकड़ू बैठने से हड्डियों को सही से पोषण मिलता है
* उकड़ू बैठने से शरीर मे लचीलापन आता है
* उकड़ू बैठने से पेट, कूल्हा और जांघ का अतिरिक्त फैट कम होता है
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