Vitamins : 40 की उम्र के बाद विटामिन्स और मिनरल्स लेना बिलकुल न भूलें

Vitamins हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होते है। इनके कमी के कारण ही शरीर मे अनेकों प्रकार कि व्याधि उत्पन्न होने लगती है.

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क्यों जरूरी होते है विटामिन्स
हमारी उम्र जैसे जैसे बढ़ती जाती है वैसे हमारे शरीर कि जरूरतें भी बदलने लगती है। शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए शरीर मे जरूरी vitamins और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा मे होना बेहद जरूरी होता है। शरीर मे vitamins और मिनरल्स के कमी के चलते शरीर अनेकों प्रकार के व्याधियों का कारण बन सकता है। आज ऐसे 15 आवश्यक vitamins के बारे मे जानकारी साझा करेंगे जो 40 के बाद हर किसी व्यक्ति को अपनी डाइट मे जरूर शामिल करना चाहिए. रोज के खाने मे इन vitamins और मिनरल्स को शामिल करना शरीर के लिए एक बुनियादी जरूरत है जो बढ़ती उम्र के साथ हर किसी को जरूर लेनाही चाहिए और इसके महत्त्व को अनदेखा करना कई बार नुकसान कारक भी होता है। जैसे हड्डियां कमजोर होना, हाई ब्लड प्रेशर, एनर्जी लेवल कम होने लगती है, डायबिटीज, थायरॉइड इनका रिस्क भी बढ़ने लगता है। इनके जोखिम को कम करने के लिए विटामिन्स और मिनरल्स कि जरूरत होती है जिन्हें हमें अपनी डाइट मे जरूर शामिल करना चाहिए.

1. विटामिन डी ( Vitamin D )
विटामिन डी का सबसे बड़ा और आसान स्त्रोत सूरज कि किरणे ( sunshine light ) है। हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी होता है खासकर 40 उम्र के बाद क्योंकि 40 के बाद कैल्शियम हमारे बॉडी से नैचुरली घटने लगता है। जिसके चलते अक्सर फ्रैक्चर होने का धोखा बना रहता है और बढ़ते उम्र के साथ शरीर कैल्शियम को एब्जॉर्ब करना भी कम कर देता है जिससे हाथ पैर का दुखना, कमर दर्द और घुटनों मे दर्द अक्सर बना रहता है। विटामिन डी खाने से यह रिस्क कम होता है और हड्डियां मजबूत बनी रहती है। इसके अलावा विटामिन डी मसल हेल्थ के लिए भी जरूरी होता है। एक उम्र के बाद मसल्स भी कमजोर होने लगते है मसल मास घटने लगता है। विटामिन डी मसल मास और फिटनेस लेवल मे भी सुधार करता है। हमारे रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने के लिए कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य तरह के पोषक तत्वों कि जरूरत होती है। इस इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सबसे जरूरी होता है vitamin D अगर विटामिन डी हमारे शरीर मे कम होगा तो हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर होगा.

विटामिन डी के सोर्स ( vitamin D sources in hindi )
धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है। कोशिश करे कि रोजाना कम से कम एक घंटा या 15 मिनट तो भी सूरज कि किरणों में बैठे, ऐसे मे आपको रेगुलर विटामिन डी मिलता रहेगा। दूध, अंडे, मोरिंगा इनमें भी विटामिन डी मिल जाता है.

2. विटामिन B12 ( vitamin B12 )
विटामिन B12 के कमी के कारण भूख ना लगना, भूख कि कमी, कमजोरी रहना आदि जैसे समस्याएं होती है। Vitamin B12 के कमी के चलते शरीर कैल्शियम प्रोडयूस नहीं कर पाता। विटामिन B12 के कमी के कारण मानसिक तनाव हड्डी और जोड़ों मे दर्द का सामना करना पड़ता है। Vitamin B12 खून के अंदर रेड ब्लड सेल्स को निर्माण करने के लिए बेहद जरूरी होता है जो कि ऑक्सीजन को बॉडी के हर हिस्से तक पहुंचाती है। हमारे शरीर मे होमोसिस्टन नाम का एक मुख्य कंपाउंड होता है जिसके बढ़ जाने से हार्ट डीजीस होने का खतरा भी बढ़ जाता है। Vitamin B12 इस होमोसिस्टन को नियंत्रित रखता है जिससे हार्ट डीजीस का खतरा कम होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगियों मे विटामिन B12 कि कमी अक्सर देखने को मिलती है.

विटामिन B12 के स्त्रोत ( Vitamin B12 sources )
मांस, मछली, डेयरी प्रोडक्ट, अंडे मे vitamin b12 भरपूर मात्रा मे होता है। इसके अलावा मोरिंगा और दूध, ताक, छांछ, लस्सी, मट्ठा और दूध से बने पदार्थों मे विटामिन बी 12 अच्छी मात्रा मे होता है.
3. विटामिन सी ( vitamin C )
विटामिन सी हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण विटामिन है। विटामिन C एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर के मृत कोशिकाओं से लड़ने के बेहद जरूरी होता है। विटामिन C कि कमी ऐजिंग के प्रोसेस को बढ़ाते है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस के कारण शरीर मे फ्री रैडिकल्स बढ़ने लगते है जिससे तरह तरह के दीर्घकालिक रोग बढ़ने लगते है। विटामिन सी फ्री रैडिकल्स को न्यूट्रलाइज करते है क्रॉनिक डिजीज से बचाते है। यही नहीं विटामिन सी बॉडी मे कोलेजन के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है जिससे स्किन मे टाइटनेस बना रहता है। विटामिन C के कमी के कारण चेहरे पर समय से पहले ही झुरियां आने लगती है, त्वचा बूढी होने लगती है। विटामिन सी इम्युन सिस्टम को भी मजबूत करता है। सूजन, मसूड़ों से खून आना, घाव भरने मे देरी विटामिन सी के कारण होता है.
विटामिन सी के स्त्रोत ( vitamin c sources )
विटामिन सी सभी प्रकार के खट्टे फलों मे भरपूर मात्रा मे होता है। संतरा, कीवी, नींबू, मोसंबी मे विटामिन C प्रचुर मात्रा मे मिलता है। इसके अलावा विटामिन सी आंवले मे प्रचुर मात्रा मे होता है जो कि फ्री रैडिकल्स से लड़ने के लिए एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट फल है.
4. विटामिन ए ( vitamin A )
विटामिन ए आंखों कि सेहत के लिए एक जरूरी विटामिन्स है। विटामिन ए इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए भी बहुत जरूरी विटामिन्स है। विटामिन ए एंटीऑक्सीडेंट के रूप काम करता है जो मृत कोशिकाओं को पुनः रिपेयर करता है.
विटामिन ए के स्त्रोत ( vitamin A sources )
अंडा विटामिन ए का एक अच्छा स्त्रोत है। गाजर, टमाटर, पालक, सीताफल और दूध मे भी विटामिन ए होता है.
5. विटामिन बी1 ( vitamin B1 )
विटामिन बी1 दिमाग के लिए जरूरी होता है। विटामिन बी1 यानी थियामिन, थियामिन एक प्रकार का विटामिन होता है जो कोशिकाओं के विकास के लिए और मेटाबोलिज्म को बूस्ट करने के लिए आवश्यक होता है। गर्भवती, स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए विटामिन बी1 एक आवश्यक पोषक तत्व है.
विटामिन बी1 के स्त्रोत ( vitamin B1 sources )
विटामिन बी1 एनिमल फूड्स मे पाया जाता है। दाल, हरि मटर, दही मे भी मिल जाता है.
6. विटामिन बी2
विटामिन बी2 यानि राइबोफ्लेविन, विटामिन बी2 खून को बढ़ाने के लिए, खून कि कमी को दूर करने के लाभकारी होता है। विटामिन b2 आयरन की कमी को दूर करता है.
विटामिन बी2 को स्त्रोत
विटामिन बी2 एनिमल प्रोडक्ट मे अधिक पाया जाता है। इसके अलावा हरी सब्जियों मे भी होता है.
7. विटामिन बी3 ( vitamin b3 )
विटामिन बी3 भोजन को उर्जा मे बदलने का कार्य करता है। यह स्किन और पाचन शक्ति को मजबूत करने मे सहायक होता है। विटामिन बी3 के कमी को पेलाग्रा कहते है.
विटामिन बी 3 के स्त्रोत ( vitamins b3 sources )
विटामिन बी3 यानि नियासिन, यह नियासिन टूना मछली मे भरपूर मात्रा मे होता है। इसके अलावा मूंगफली, एवोकाडो, मशरूम मे भी पाया जाता है.
8. विटामिन बी6
विटामिन बी6 लिवर, आंख, स्किन और मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी विटामिन्स है। शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी आवश्यक होता है। कमजोरी, एनर्जी कि कमी चिड़चिड़ापन यह विटामिन बी6 के कमी के लक्षण हैं.
विटामिन बी6 के स्त्रोत ( vitamin B6 sources )
केला vitamin B6 एक बेहतरीन स्त्रोत है। दूध, अंडे, पालक, गाजर, मटर मे भी यह मिल जाता है.
9. कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों के लिए शारीरिक ताकत के लिए एक जरूरी विटामिन्स है.
कैल्शियम के स्त्रोत
एनिमल प्रोडक्ट मे कैल्शियम भरपूर मात्रा मे होता है। इसके अलावा सभी प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट और अंडे मे भी भरपूर मात्रा मे होता है। शाकाहरी लोगों के लिए मोरिंगा कैल्शियम एक उच्चतम स्त्रोत है.
10. विटामिन ई ( vitamin E )
Vitamin E फ्री रैडिकल्स से लड़ने के लिए बेहद जरूरी विटामिन्स है। बादाम, मूंगफली, पिनट बटर मे पाया जाता है.
11. फोलिक एसिड

फोलिक एसिड मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी होता है। यह हरि पत्तेदार सब्जियां, मीट, सी- फूड्स से मिल सकते है.

12. आयरन
आयरन यह हीमोग्लोबिन का एक घटक है जो खून के लिए एक जरूरी होता है। यह शरीर मे ऑक्सीजन का संचार करने हेतु कार्य करता है। खून मे रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए आयरन आवश्यक घटक होता है। यह सब्जियों मे आसानी से मिल जाता है.
13. मैग्नेशियम
शरीर मे प्रोटीन बनाने के लिए मैग्नेशियम एक आवश्यक पोषक तत्व होता है। जो डीएनए को बनाने के लिए ब्लड प्रेशर और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए मैग्नेशियम की आवश्यकता होती है। सभी प्रकार के ड्राई फूड्स और हरि सब्जियों मे यह आसानी से मिल जाता है.
14. पोटेशियम
पोटेशियम ब्लड प्रेशर और लिवर संबंधित कार्यों में मदद करता है। हृदय और मस्तिष्क के तंत्र को मजबूत बनाने का काम पोटेशियम करता है। आलूबुखार, गाजर, टमाटर, खरबूज पोटेशियम के अच्छे स्त्रोत है.
15. जिंक
जिंक एक खनिज है जो स्वाद और गंध के इंद्रियों के संबंधित होता है। बालों का झड़ना वजन कम होना, जिंक के कमी के कारण होता है। सी – फूड्स और अलसी के बीज मे जिंक भरपूर मात्रा मे पाया जाता है.

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