Sun colour therapy: सीधे सूरज की किरणों मे रखा गया पानी स्वास्थ को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। घंटों धूप मे रखा गया पानी शरीर को ऊर्जा से भर देता है।

सन चार्ज्ड वाटर (sun charged water therapy)
भारतीय संस्कृति मे सूर्य का एक विशेष स्थान है। चिकित्सा के रूप मे या आध्यात्मिक रूप मे सूर्य कि प्राचीन परंपरा है। आयुर्वेद मे सूर्य को विशेष स्थान दिया गया है जो शरीर को ना सिर्फ विटामिन डी की आवश्यकता को पूरा करता है बल्कि शरीर के दर्द को दूर करने मे भी प्रभावी रूप से कार्य करता है। ऐसा माना जाता है की सूर्य की किरणों मे उपचार की शक्ति होती तथा ये शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को भी मजबूत करता है। सूर्य जल चिकित्सा यानी sun Charged Water सदियों पुरानी चिकित्सा है। जो कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य के रोशनी से चार्ज किया गया पानी दीर्घायु को भी बढ़ा सकता है। आयुर्वेद के मान्यताओं के अनुसार सूर्य प्रकाश जब पानी पर पड़ता है, तो यह पानी मॉलिक्युलर स्ट्रक्चर को बढ़ावा देता है, इसे जीवंत बनाता है, पानी को ऊर्जा प्रदान करता है। जिसे पीने से शरीर मे ऊर्जा का संचार होता है और शरीर ऊर्जावान बनता है।
क्या होती है सूर्य रंग चिकित्सा? (What is sun colour therapy)
सन चार्ज्ड वाटर मूल रूप से साधारण पानी ही है, लेकिन इसे सूरज की किरणों मे रखने से यह साधारण पानी सूर्य के रंगों से असाधारण हो जाता है। जिसे चिकित्सा के रूप मे इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर सात रंगो के चक्र से बना हुआ होता है और सूर्य की किरणों मे भी साथ रंग होते है जो हमारे शरीर से किसी ना किसी रूप से जुड़े हुए होते है। ऐसे मे सूर्य की किरणों मे चार्ज किए गए पानी मे भी यह रंग प्रभाव डालते है जिसे पीने से हमारे शरीर को एक ऊर्जा मिलती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है। जानते है उन साथ रंगो को जिससे हमारा शरीर जुड़ा हुआ होते है।
सूर्य रंग चिकित्सा के फायदे (sun colour therapy benefits)
हमारी बॉडी वायु, जल, अग्नि, आकाश और मिट्टी से मिलकर बना है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा का एक कॉम्बिनेशन होता है। और यह तीनों चीजें किसी ना किसी रंग से जुड़े हुए होते है
1. लाल रंग (red colour)
लाल रंग स्पाइन बेस से जुड़ा होता है। जिससे हमारे यौन अंग जुड़े होते है। अगर इसके संबंधित कोई दिक्कत हो तो लाल रंग की कांच की बोतल मे पानी को चार्ज करना है। लाल रंग ये गरम प्रवृत्ति का होता है। जो लो ब्लड प्रेशर को ठीक करता है। इस रंग का पानी हाई ब्लड प्रेशर और एसिडिटी मे बिलकुल नही लेना। पित्त प्रकृति के लोगों को इस रंग का उपयोग कतई नहीं करना है।
2. नारंगी रंग (orange colour)
नारंगी रंग यह किडनी, ब्लैडर इन अंगों पर प्रभाव डालता है। टीबी, निमोनिया, पैरालिसिस उसमें इस रंग के बोतल मे पानी को चार्ज कर सकते है।
3. पीला रंग (yellow colour)
पीला रंग ये अग्न्याशय से जुड़ा होता है। लिवर, इंटेस्टाइन, गैस्ट्रिक इश्यूज मे इस रंग के बोतल मे पानी को चार्ज कर सकते हैं।
4. हरा रंग (green colour)
हरा रंग ये हार्ट, लंग्स और हाथों से जुड़ा होता है। इस संबंधित समस्याओं मे हरे रंग के बोतल मे पानी को चार्ज कर सकते है। कैंसर मरीज, टीबी मरीज या बॉडी से टॉक्सिंस को बाहर निकालना है तो इस पानी को सुबह खाली पेट एक कप की मात्रा मे सेवन करे। साथ ही पुरानी खांसी और डायबिटीज मे भी यह काफी मददगार होता है।
5. हल्का नीला रंग (light Blue)
ये रंग ये हमारे गले से जुड़ा होता है। यह रंग हमारे मुंह, ग्रासनली और आवाज़ से जुड़ा होता है। नीला रंग ठंड प्रवृत्ति का होता है। यूरीन और किडनी स्टोन मे भी मदद करता है।
6. गहरा नीला (dark blue)
नीले रंग के बोतल का पानी यह दिमाग, आंखे, एकाग्रता, से संबंधित कोई दिक्कत हो तो गहरे नीले रंग के बोतल मे पानी को चार्ज करने से आराम मिलता है।
7. बैंगनी रंग (Purple colour)
बैंगनी रंग ये मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है। इस रंग की बोतल मे पानी को चार्ज करने से स्ट्रेस, डिप्रेशन, तनाव और रीढ़ की हड्डी से संबंधित परेशानी मे मदद मिलती है।
बनाएं कैसे?
इस के लिए पानी को करीब 8 घंटे तक धूप मे रखना जरुरी होता है। इस प्रक्रिया को करते समय बोतल पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।
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